
ख़बर रफ़्तार, गाजियाबाद: चुनाव आयोग यूं तो निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव कराने को प्रयासरत है, लेकिन कुछ अधिकारियों की मनमानी के चलते इन प्रयासों को पलीता भी लग रहा है। लोगों की सेहत संवारने वाले अधिकारियों को आचार संहिता से शायद कोई लेना-देना ही नहीं है।
आलम यह है कि नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी जिला एमएमजी अस्पताल की बेंचों पर प्रत्याशी का नाम बरकरार है। या यूं कह सकते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही प्रत्याशी का खुलकर प्रचार कर रहे हैं। एक-दो नहीं सैकड़ों बेंचों पर प्रत्याशी का नाम लिखा हुआ है।
अधिकारी इसे हटाना ही नहीं ढंकना भी भूल गए हैं। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है जिन अधिकारियों के ऊपर आचार संहिता का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी है, वहीं मनमानी कर रहे हैं।
अस्पताल में रोजाना पहुंचते हैं तीन से चार हजार लोग
इस अस्पताल में सीएमओ, एसीएमओ समेत अनेक चिकित्सकों का आवास है। आए दिन प्रशासन के अधिकारी भी भ्रमण करते रहते हैं। नगर निगम के अधिकारियों की नजर से भी उक्त बोर्ड और बेंच पर लिखा प्रत्याशी का नाम अभी तक नहीं दिखा है।
यह स्थिति तब है जबकि इस अस्पताल में प्रतिदिन तीन से चार हजार लोग पहुंचते हैं। ओपीडी के अलावा इमरजेंसी में भर्ती होने वाले 100 से अधिक मरीजों के साथ स्वजन भी यहां डेरा डाले रहते हैं। इसके अलावा संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में संचालित डायलसिस सेंटर पर भी पीएम के फोटो के साथ एब बैनर टंगा हुआ है। इसपर नीचे सीएमएस और सीएमओ का नाम लिखा हुआ है।
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