खबर रफ़्तार, देहरादून : प्रदेश में 671 बहुउद्देशीय सहकारी समितियां हैं। इसके अलावा कुछ नई समितियां बनी हैं। इनका मुख्य उद्देश्य अपने सदस्यों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
प्रदेश की बहुउद्देशीय सहकारी समितियां अब बड़ा कारोबार करेंगी। जो खाद, बीज और यूरिया बेचने तक सीमित न रहकर पेट्राल, डीजल पंप के साथ ही जन औषधी केंद्र और होम स्टे भी खोल सकेंगी। नोडल अधिकारी एमपी त्रिपाठी ने बताया कि समितियों के माध्यम से 27 नए कार्य किए जा सकेंगे।
प्रदेश में 671 बहुउद्देशीय सहकारी समितियां हैं। इसके अलावा कुछ नई समितियां बनी हैं। इनका मुख्य उद्देश्य अपने सदस्यों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करना है। ये समितियां अपने सदस्यों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं और सहायता प्रदान करती हैं, जैसे ऋण, खाद, बीज आदि, लेकिन अब इनके माध्यम से 27 नए कार्य भी किए जा सकेंगे।
इससे समितियों से जुड़ें किसानों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही समितियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा। प्रदेश में नई समितियों के गठन के लिए बनाए गए नोडल अधिकारी एमपी त्रिपाठी ने बताया कि अलग-अलग जिलों और क्षेत्रों के हिसाब से समितियां अब अलग-अलग काम कर सकेंगी। कुछ क्षेत्रों में होम स्टे खुलेंगे तो कुछ में सौर ऊर्जा संयत्र, पेट्रोल व डीजल पंप, रसोई गैस आपूर्ति आदि कार्य किए जा सकेंगे।
समितियों कर सकेंगी यह कार्य
बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से रेशम उत्पादन, डेयरी, मधुमक्खीपालन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन, विद्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल, एंबुलेंस सेवा, सीएससी, प्रसंस्करण इकाई, परिवहन, निजी गोदाम बनाना व किराए पर लेना, खाद, कृषि यंत्रों की बिक्री, कौशल विकास के लिए सदस्यों का प्रशिक्षण, बैंक मित्र, पानी मित्र, एक या अधिक श्रमिक समूहों का गठन करना, समुदाय आधारित सेवा प्रदान करना, बीमा प्रदान करने के लिए एजेंसी के रूप में काम आदि कार्य।
हर गांव और क्षेत्र पंचायत में बनेगी समिति
प्रदेश के मैदानी जिलों में हर गांव और पर्वतीय जिलों में हर क्षेत्र पंचायत में सहकारी समिति बनेगी। नोडल अधिकारी एमपी त्रिपाठी के मुताबिक हरिद्वार जिले से इसकी शुरूआत कर दी गई है। इस जिले में इस महीने हर गांव में समिति बनेगी। इसके बाद ऊधमसिंह नगर जिले में सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा।
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