ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने के लिए जनमत संग्रह की कवायद के बीच अब यह भी सवाल उठने लगा है कि हाईकोर्ट के लिए जनमत संग्रह तो कराया जा रहा है, स्थायी राजधानी के लिए क्यों यह प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। राज्य गठन के बाद अब तक स्थायी राजधानी ही तय नहीं हो पाई कि इसे कहां ले जाया जाए। ऐसे में राजधानी के लिए जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए था, बजाय इसके कि हाईकोर्ट के लिए इसे कराया जा रहा है जबकि हाईकोर्ट स्थायी तौर पर कुमाऊं (नैनीताल) में ही बनाने की बात तय थी।
कुमाऊं के लोग हाईकोर्ट के लिए जनमत संग्रह को कतई सही नहीं ठहरा रहे हैं और ना ही वे हाईकोर्ट को यहां से शिफ्ट करने के पक्षधर हैं। उनका कहना है कि यदि नैनीताल में इसके लिए पर्याप्त स्थान नहीं तो इसे कुमाऊं के ही किसी अन्य क्षेत्र में शिफ्ट किया जा सकता है न कि ऋषिकेश या अन्य। जितनी जमीन इसके लिए ऋषिकेश में उपलब्ध होगी उसके कहीं अधिक भूमि हाईकोर्ट के लिए ऊधमसिंह नगर जिले या नैनीताल जिले के रामनगर या हल्द्वानी में उपल्बध हो सकती है।
राज्य बनने के बाद आमजन की राय के अनुरूप प्रदेश के नैनीताल में हाईकोर्ट स्थापित हुई। दो दशकों से अधिक समय से हाईकोर्ट संचालित हो रही है, किसी को दिक्कत नहीं हुई। हाईकोर्ट के लिए जनमत संग्रह समझ से परे है। यदि जनमत कराना है तो स्थायी राजधानी के कराया जाए।-डॉ.सरस्वती खेतवाल समाजसेवी, नैनीताल।
अविभाजित यूपी से पृथक राज्य उत्तराखंड की मांग ही पहाड़ के विकास के लिए ही हुई थी। राज्य मिलने के बाद भी पहाड़ के लोग मूलभूत सुविधाओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। उच्च स्तरीय संस्थान पहाड़ में ही स्थापित होने चाहिए। -चंचला बिष्ट, समाजसेवी
उच्च न्यायालय का मुद्दा जनहित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए। इन मुद्दों पर विवाद की स्थिति नहीं बननी चाहिए। उच्च न्यायालय को नैनीताल से स्थानांतरित करना है काशीपुर- रामनगर के बीच नेपा फार्म की जमीन है।-रविंद्र प्रताप सिंह, किसान नेता. काशीपर
उच्च न्यायालय की स्थापना के लिए नेपा फार्म उपयुक्त है। स्थायी राजधानी पर भी जनमत संग्रह करना चाहिए। राजधानी तो देहरादून में ही स्थायी तौर पर बना देना चाहिए।
– राजीव सेतिया, जिला महामंत्री, प्रांतीय उद्योग एवं उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, काशीपुर
काशीपुर-रामनगर के मध्य खाली पड़ी जमीन बेहतर विकल्प है, जबकि राजधानी पर सरकार चाहे तो जनमत जान ले। देहरादून में सारी सुविधाएं जुटा ली गईं हैं। ऐसे में देहरादून को ही स्थायी राजधानी बनाया जाना चाहिए।
-नदीमुद्दीन, एडवोकेट, आरटीआई कार्यकर्ता और अध्यक्ष टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन, काशीपुर
हाईकोर्ट की शिफ्टिंग कुमाऊं से बाहर नहीं होनी चाहिए। रहा सवाल राजधानी का तो इसको लेकर जनमत संग्रह किया जाना चाहिए। जनता की राय लेकर ही इस सवाल को हल किया जाना चाहिए। – राहुल गुप्ता, छात्र, रविंद्रनगर रुद्रपुर
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