खबर रफ़्तार, देहरादून: उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद अब चमोली, गोपेश्वर, टिहरी, घनसाली, रुद्रप्रयाग में भूधंसाव ने चिंता बढ़ा दी है। भूगर्भ विज्ञानियों के मुताबिक, पहाड़ की जड़ों तक पानी अपने साथ मिट्टी ले जा रहा है। बारिश से पहाड़ की भू-आकृतियां कमजोर हो गई हैं।
प्रदेश में इस साल भारी बारिश से पहाड़ की भू-आकृतियां कमजोर हो गई हैं। इस कारण चमोली के नंदानगर से लेकर टिहरी, रुद्रप्रयाग समेत कई शहरों, कस्बों, गांवों में भूधंसाव ने चिंता बढ़ा दी है। भूगर्भ विज्ञानियों के मुताबिक, इसके नुकसान से बचाव के लिए वैज्ञानिक पैमानों के आधार पर विकास की गतिविधियां लागू करनी होंगी।
गोपेश्वर और टिहरी में भू-धंसाव और भूस्खलन से खतरा बढ़ गया है। गोपेश्वर में क्यूंजा घाटी के किणझाणी गांव के निचले क्षेत्र में खेतों में दरारें पड़ गईं हैं। घनसाली के भिलंगना ब्लॉक के घुत्तू क्षेत्र में मैडू ग्राम पंचायत के कनियाज और भाटगांव नामेतोक में जमीन धंसने से कई मकानों में दरारें आ गईं हैं।
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