ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनएच के चौड़ीकरण के बाद काठगोदाम, लालकुआं, गौरापडाव, तीनपानी में बनाए गए बेतरतीब कटों के चलते बढ़ती दुर्घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि आदेश होने के बाद भी एनएच पर धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के बाद काठगोदाम, लालकुआं, गौरापडाव, तीनपानी में बनाए गए बेतरतीब कटों के चलते बढ़ती दुर्घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि आदेश होने के बाद भी एनएच पर धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया है। एनएच केस लगने पर ही कोर्ट में रिपोर्ट देता आया है। इस पर कोर्ट ने एनएच से कहा कि जो रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई उसकी रिपोर्ट याचिकाकर्ता को दें। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में अपने सुझाव देने के लिए भी कहा। मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्दर एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार लालकुआं के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। साथ ही चोरगलिया हल्द्वानी निवासी भुवन चंद्र पोखरिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। ग्रामीणों की ओर से पत्र में कहा गया था कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान काठगोदाम, लालकुआं, गोरापडाव, तीनपानी में बनाए गए बेतररीब कट के कारण पिछले आठ माह में 14 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी जबकि इन कटो के चलते दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके है जिनका बाहरी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से प्रार्थना की गई कि एनएच अथॉरिटी से सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों और दुर्घटना में घायल लोगों को मुआवजा दिलाया जाए। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा कि एनएच निर्माण निर्धारित मानकों के अनुसार ही होना चाहिए था। एनएच पर ऐसी क्या खामियां आ गईं जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। अगर दुर्घटनाएं हो रही हैं तो उसकी जांच कराई जाए। ओवर स्पीड को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।

+ There are no comments
Add yours