उत्तराखंड: कतर से रिहा हुए कैप्टन सौरभ, फोन पर बेटे की आवाज सुनते ही छलके पिता के आंसू

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून:  ‘पापा… मैं सौरभ बोल रहा हूं’। यह सुनते ही दून के आरके वशिष्ठ की आंखें छलक उठीं। यह आवाज उनके बेटे सौरभ वशिष्ठ की थी जो कतर की जेल से छूटकर दिल्ली में उतरे थे। आरके वशिष्ठ का हाल जुबिन नौटियाल के एक एलबम में फिल्माए सीन जैसा था। जिसमें वर्षों से गायब सैनिक पुत्र के घर आने की पिता को सूचना मिलती है, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। आरके भी बेटे की आवाज सुनते ही बोल पड़े- मेरी चौखट पर ‘मेरे राम’ आए हैं।

बेटे के घर वापसी के इंतजार में तड़प रहे माता-पिता का कहना है कि कतर में फांसी-उम्रकैद की सजा के बाद बेटे का वापस आना चमत्कार से कम नहीं है। मंगलवार देर रात कतर से सभी रिहा हुए नौसैनिकों के साथ सौरभ वशिष्ठ भी कतर से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे।

Dehradun Captain Saurabh Vashisht Released from Qatar Jail Father Crying to hear Voice of his son

उन्होंने दिल्ली पहुंचकर सबसे पहले अपने पिता आरके वशिष्ठ को फोन किया। मंगलवार की रात तीन बजकर 21 मिनट थे। देहरादून में टर्नर रोड के सी-26 स्थित मकान में बुजुर्ग पिता के फोन पर अनजान नंबर से कॉल आया जिसे उन्होंने देखते ही काट दिया।

सौरभ ने दोबारा फोन किया तो इमरजेंसी समझकर पिता ने फोन उठाया। उधर से आवाज आई… ‘पापा… मैं सौरभ बोल रहा हूं।’ पुत्र सौरभ के दोहा कतर में बंद होने के कारण पिता को समझने में कुछ दिक्कत हुई, तो सौरभ ने दोबारा बताया कि वह सौरभ बोल रहा है, उनका बेटा। पिता को यकीन नहीं हुआ कि सौरभ जेल के अंदर से भी उन्हें कॉल कर सकता है।
Dehradun Captain Saurabh Vashisht Released from Qatar Jail Father Crying to hear Voice of his son
इस पर सौरभ ने बताया कि उसे भारत सरकार ने रिहा करा लिया है। वह इंडिया आ गया है और दिल्ली से उन्हें फोन कर रहा है। यह सुनने के बाद तो पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिता ने सौरभ की मां सुदेश वशिष्ठ को यह खुशखबरी दी।
Dehradun Captain Saurabh Vashisht Released from Qatar Jail Father Crying to hear Voice of his son
इसके बाद तो घर में दिवाली-सा माहौल हो गया। माता-पिता पूरे दिन दोनों भीगी आंखों से भगवान का धन्यवाद ज्ञापित करते रहे। यह सूचना आसपास फैली तो पूरे मोहल्ले में खुशियों की लहर दौड़ गई। क्षेत्र के सभी लोग घर पहुंचकर सौरभ के परिजनों को बधाई देते रहे।

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