उपाध्याय ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

खबरे शेयर करे -

ख़बर रफ़्तार, किच्छा : कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने इलेक्टोरल बान्ड मामले में भाजपा सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसबीआई ने आधी अधूरी जानकारी ही चुनाव आयोग को दी है। इलेक्टोरल बान्ड भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। इस भ्रष्टाचार में भाजपा सरकार पूरी तरह आकंठ डूबी हुई है। चुनावी बॉन्ड के खुलासे पर भारतीय जनता पार्टी में खामोशी है। अब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े यूनिक अल्फान्यूमरिक कोड नहीं बताने के मामले में नोटिस जारी किया है। यह कोड जारी होने के बाद भाजपा सरकार की करनी जनता के सामने आ जायेगी।

इसी कोड के जरिए इलेक्टोरल बॉन्ड्स से चुनावी चंदा देने वालों और राजनीतिक पार्टियों के बीच मिलान संभव होगा। यानी पता चलेगा कि किस कंपनी या व्यक्ति ने किस राजनीतिक पार्टी को चुनावी चंदे के रूप में कितनी रकम दी है। मोटे तौर पर जो जानकारी अभी सामने आई है, उसमें तो सबसे ज्याद चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला है। एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड का जो डेटा दिया है, उसके मुताबिक एक अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 के बीच 12,156 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया गया।

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू की थी और कहा गया था इससे राजनीतिक फंडिंग को लेकर पारदर्शिता आएगी। यह कैसी पारदर्शिता है, जिसमें यही पता नहीं चल पा रहा था कि किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। लेकिन सिर्फ बॉन्ड खरीदने वाले और राजनीतिक दलों को मिली रकम के ब्यौरे से ये साफ नहीं हो पा रहा है कि किसने किसको पैसा दिया।

इससे ये भी पता नहीं चल पा रहा है कि किसी खास पार्टी को फंड किए जाने के पीछे किसी डोनर का क्या मकसद है। इलेक्टोरल बॉन्ड आने के बाद मामला और भी गोपनीय हो गया। राजनीतिक दलों और चंदा देने वालों के बीच गठजोड़ बढ़ने लगा है।

राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों के जो नाम सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिन कंपनियों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने छापेमारी की, उन्हीं कंपनियों ने दबाव में भाजपा को मोटा चंदा देते हुए भाजपा सरकार को अपने पक्ष में लेकर बाद में मोटा मुनाफा कमाया। देश की गरीब जनता भाजपा की कथनी और करनी में अंतर समझ चुकी है। देश के प्रधानमंत्री कहते थे ना मैं खाऊंगा, ना खाने दूंगा ।आज देश के अंदर इस प्रकार की लूट मची है ,आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ।इसका जवाब जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में जरूर देगी।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours