
खबर रफ़्तार, लखनऊ: यूपी से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले शिव भक्तों श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश की योगी सरकार ने श्रद्धालुओं को एक लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है। यह जानकारी प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने रविवार को आगरा में पर्यटन व विकास योजनाओं की समीक्षा करते हुए बताया कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर लौटने वाले यूपी के श्रद्धालुओं को सरकार की तरफ से एक लाख रुपये दिए जाएंगे। यह राशि श्रद्धालुओं के खाते भेजी जाएगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना
जयवीर सिंह ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना हो चुका है। इसमें 50 श्रद्धालु शामिल हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि शिवाजी स्मारक और म्यूजियम का कार्य जल्द होगा पूर्ण। आगरा जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेगा। सिविल एविएशन की सुविधाएं बढ़ेंगी। सरकार आगरा में विकास कार्यों को लेकर गंभीर है।
धार्मिक मामलों के विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि यह सहायता केवल भारत सरकार के आधिकारिक कैलाश मानसरोवर यात्रा कार्यक्रम के माध्यम से भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों तक ही सीमित नहीं होगी। वास्तव में, निजी ट्रैवल एजेंसियों या व्यक्तिगत व्यवस्थाओं के माध्यम से तीर्थयात्रा पूरी करने वाले व्यक्ति भी इसके पात्र होंगे।
तीर्थयात्रा पूरी करने के 90 दिनों के भीतर फॉर्म करना होगा जमा
आवेदकों को तीर्थयात्रा पूरी करने के 90 दिनों के भीतर विभाग की वेबसाइट के माध्यम से अपने नवीनतम फोटोग्राफ, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, वीजा, बैंक खाता विवरण, यात्रा पूरी करने का प्रमाण और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियों के साथ अपना फॉर्म जमा करना होगा। आवेदनों का भौतिक प्रस्तुतीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अपलोड किए गए दस्तावेजों का सत्यापन धार्मिक कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा किया जाएगा। सफल सत्यापन के बाद अनुदान की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। यदि कोई विसंगति या जाली दस्तावेज पाए जाते हैं, तो आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा, और आवेदक को पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
अनुदान का लाभ जीवन में केवल एक बार ही उठाया जा सकता है। तीर्थयात्री की मृत्यु की स्थिति में, उसका जीवनसाथी या आश्रित अनुदान के लिए आवेदन कर सकता है, जो समीक्षा के अधीन है। सभी सहायता उस वित्तीय वर्ष के बजट आवंटन से वितरित की जाएगी जिसमें आवेदन किया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। प्रधान सचिव ने आगे कहा कि अनुदान प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार का दुरुपयोग या तथ्यों को छिपाने पर धनराशि की वसूली की जाएगी तथा नियमों के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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