ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली: एम्स में नर्सिंग की छात्रा लक्ष्मी की आत्महत्या के मामले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। घटना को लेकर नर्सिंग की छात्रों में रोष और उनके विरोध के मद्देनजर एम्स प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज की दो फैकल्टी (शिक्षक) को जांच पूरी होने तक अवकाश पर भेज दिया है। एम्स प्रशासन का कहना है कि नर्सिंग की छात्राओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच एक कमेटी करेगी।
एम्स के सूत्रों के अनुसार अवकाश पर भेजी गई दोनों फैकल्टी नर्सिंग अधिकारी हैं, जो नर्सिंग कालेज में छात्राओं को पढ़ाती भी हैं। उल्लेखनीय है कि एम्स में 30 अप्रैल को नर्सिंग की पहले वर्ष की छात्रा लक्ष्मी ने आत्महत्या कर ली थी।
पढ़ाई के लिए अत्यधिक दबाव बनाने का आरोप
इस घटना के बाद नर्सिंग की छात्रों ने एम्स प्रशासन को पत्र लिखकर पढ़ाई के लिए अत्यधिक दबाव बनाने और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा लगातार दो दिन विरोध प्रदर्शन व कैंडल मार्च भी किया। इस दौरान नर्सिंग की छात्रों ने घटना के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग कर रही हैं।
एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने नर्सिंग की छात्राओं पर कॉलेज में किसी तरह का मानसिक दबाव बनाने व प्रताड़ित किए जाने की घटना से इनकार किया और कहा कि छात्राओं के आरोप के मद्देनजर दो शिक्षकों को जांच पूरी होने अवकाश पर भेजकर जांच की जा रही है। जहां तक मुआवजे की बात है तो छात्राओं को बता दिया गया है कि ऐसे मामलों में सरकार के दिशा निर्देशों के प्रविधानों के मुताबिक कदम उठाए जाएंगे।
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