ख़बर रफ़्तार, फरीदकोट: लगभग डेढ़ साल पहले गलती से भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाले पाकिस्तान के दो नाबालिग बच्चों को 28 मार्च गुरुवार को वापस पाकिस्तान भेजा जाएगा। गुरुवार को सुबह फरीदकोट के बाल सुधार गृह से इन्हें छोड़ा जाएगा। इसके बाद इन्हें अटारी बॉर्डर से वतन वापसी करवाई जाएगी।
तरनतारन में किशोर न्याय बोर्ड ने अप्रैल 2023 में दोनों बच्चों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि बच्चों को कम उम्र में दो देशों की सीमाओं के बारे में जानकारी नहीं होती। इसके अतिरिक्त जहां से बच्चों को गिरफ्तार किया गया था वहां कोई कंटीली तार भी नहीं लगी हुई थी।
बच्चों ने लगाई घर लौटने की गुहार
इसके बावजूद इन बच्चों की रिहाई नहीं हो पाई थी। लेकिन कुछ समय पूर्व पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज एनएस शेखावत द्वारा फरीदकोट जिले की जेलों, अदालतों, पुलिस स्टेशनों और बाल सुधार गृहों का दौरा करने आए थे। इसी दौरान इन बच्चों ने न्यायमूर्ति शेखावत के सामने घर लौटने की गुहार लगाई।
लाहौर के रहने वाले हैं दोनों बच्चे
इसके बाद जज शेखावत ने इस मामले को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में लाए। जिसके पश्चात पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से नोटिस जारी कर पूछा था कि इन बच्चों की रिहाई के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। आखिर अब दोनों बच्चों की वतन वापसी के आदेश आ गए हैं और इन्हें पाकिस्तान भेजा जा रहा है। बता दें दोनों बच्चे लाहौर के रहने वाले हैं।
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