“यूपी पंचायत चुनाव: वार्डों के पुनर्गठन पर आज से आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू”

खबर रफ़्तार, लखनऊ: यूपी पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं।  वार्डों के पुनर्गठन के लिए आज से आपत्तियां लेनी शुरू हो जाएंगी।

अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के लिए वार्डों के पुनर्गठन पर मंगलवार से आपत्तियां ली जाएंगी। दो अगस्त तक वार्डों के पुनर्गठन पर जिलों में आपत्तियां ली जाएंगी। फिर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता वाली कमेटी आपत्तियों का निस्तारण करेंगे। ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन करने के बाद अब 37 जिलों में वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है। छह अगस्त से लेकर 10 अगस्त तक वार्डों के गठन की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।

फिलहाल पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम पंचायतों व वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया के बीच नगर विकास विभाग की ओर से नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार को लेकर लिखी गए पत्र के बाद भी कार्य जारी है। पंचायतीराज विभाग की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस पर मार्गदर्शन मांगा गया है, क्योंकि पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। फिलहाल पंचायतीराज विभाग पत्र का इंतजार करने के साथ ही वार्डों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू किए हुए है। ऊहापोह की स्थिति के बावजूद अभी उसने अपना कार्य रोका नहीं है। 514 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं और अब इनकी कुल संख्या 57695 हो गई है।

होगा नगरीय सीमाओं का विस्तार

प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले नगरीय सीमाओं का विस्तार होगा। इसके मद्देनजर वर्तमान में चल रही ग्राम पंचायतों के परिसीमन की प्रक्रिया और मतदाता सूची को संशोधित किए जाने के अभियान पर रोक लगना तय है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार संबंधित आदेश 1-2 अगस्त तक जारी हो जाएगा।

पंचायतीराज विभाग ने 21 मई को शासनादेश जारी करके त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर नगर निकायों के सृजन एवं सीमा विस्तार पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों के परिसीमन के लिए विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है, जो 18 जुलाई से चल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी 11 जुलाई को मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया।

वहीं, 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 के सीमा विस्तार के प्रस्ताव अभी पेंडिंग हैं। इसलिए नगर विकास विभाग ने पिछले सप्ताह पंचायतीराज विभाग से 21 मई के शासनादेश को रद्द करने का अनुरोध किया था। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से इस पर अंतिम निर्णय नहीं आया है। इससे पूर्व में जारी कार्यक्रम के अनुसार परिसीमन और मतदाता सूची संशोधित करने की प्रक्रिया चालू है। इस बारे में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पहले नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के प्रस्तावों पर विचार होगा। इससे भी यह माना जा रहा है कि चुनाव से संबंधित प्रक्रियाएं उसके बाद ही पूरी की जाएंगी।

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