प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माणा गांव में जनसभा संपन्न हो गई है। इसके बाद पीएम ने हेमकुंड रोपवे के साथ ही अन्य विकास कार्यों का शिलान्यास किया। मास्टर प्लान के तहत हो रहे झीलों व अन्य निर्माण कार्यों का भी प्रधानमंत्री ने निरीक्षण किया।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रखा है कि कुछ लोगों को विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हैं। पहले देश में अपनी ही संस्कृति को लेकर हीन भावना थी। लेकिन अब केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, काशी उज्जैन अयोध्या जैसे श्रद्धा के केंद्र अपनी भव्यता को दर्शा रहे हैं। देश में अब गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। कहा कि पहले की सरकारों ने सीमांत के लोगों के सामर्थ्य को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया है। लेकिन आज सीमांत के लोग संतोष में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि माणा की धरती से जनता का आभार करता हूं कि हमें सेवा का दोबारा मौका दिया। कहा कि मुझे सौभाग्य मिला कि मैं इन योजनाओं का शिलान्यास कर पाया। कहा कि हेमकुंड रोपवे बनने से तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी। यात्री अब यहां से यात्रा का सुखद अनुभव लेकर जा सकेंगे।
25 साल पहले भी माणा में मैंने उत्तराखंड भाजपा की कार्य समिती की बैठक बुलाई थी। तब कुछ कार्यकर्ता मुझसे नाराज भी हुए थे कि इतनी दूर क्यों बैठक बुलाई। तब मैंने कहा था जिस दिन उत्तराखंड भाजपा के दिल में माणा गांव के लिए जगह बन जाएगी, उस दिन वहां के लोगों के दिलों में भाजपा की जगह बन जाएगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अंतिम गांव माणा में जनसभा कर रहे हैं। अपने संबोधन के दौरान वह कई बार हिमाचल का जिक्र करते रहे। पीएम ने कहा कि जब हिमाचल गया था, तो वहां कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि हमने ट्रेन नहीं देखी थी, लेकिन आप वंदे भारत ट्रेन ले आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो दिन मैं उत्तराखंड में भी देखना चाहते हूं। हिमाचल जैसे ही उत्तराखंड में विकास कगिति तेजी से बढ़े। कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में रोपवे का एक बड़ा नेटवर्क बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं, लेकिन उनका अहसास हिमाचल तक पहुंचा हैं। जिस तरह से प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से लगाव है, उसी तरह हिमाचल से भी उनका लगाव है। खास बात यह है कि कुछ समय बाद हिमाचल में चुनाव होने हैं, और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तराखंड दौरे से हिमाचल को जोड़ने की पूरी कोशिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र देश देश के अंतिम गांव माणा में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं यहां की माताओं और बहनों को प्रणाम करता हूं जिस तरह के उत्पाद वह बना रही हैं, उसके लिए वह बधाई की पात्र हूं। मैं उन्हें देखकर बड़ा प्रसन्न हुआ। उन्होंने यात्रियों से अपील की। कहा कि आज मुझे सभी लोगों से खासतौर पर यात्रियों से वादा चाहिए कि जब भी आप कहीं भी यात्रा पर जाए वहां के उत्पाद जरूर खरीदें। अपनी यात्रा पर जितना पैसा खर्च करते हैं उसमें से पांच प्रतिशत खर्च भी अगर स्थानीय उत्पादों पर खर्च करेंगे तो ये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम होगा। कहा कि स्थानीय उत्पाद खरीदने से आपको संतोष होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है। अब मेरे लिए देश की सीमा पर बसा हर गांव पहला गांव है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की सीमा पर बसे ये गांव हमारे देश के सशक्त प्रहरी हैं।
जय बदरीविशाल, जय बाबा केदार से प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन शुरू किया
जय बदरीविशाल, जय बाबा केदार से प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं आया था तो मेरे मुंह से ऐसे ही निकल गया था कि अगला दशक उत्तराखंड का होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं नई परियोजनाओं के साथ संकल्प को दोहराने आया हूं। इस दौरान उन्होंने माणा से जुड़ी अपनी 25 साल पुरानी यादों को ताजा किया।
माणा गांव में जनसभा शुरू हो गई है। सबसे पहले मुख्यमंत्री धामी ने अपना संबोधन शुरू किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि की जनता की तरफ से प्रधानमंत्री का सबसे पहले स्वागत अभिनंदन किया। कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि आज हमें प्रधानमंत्री का सानिध्य मिल रहा है। कहा कि प्रधानमंत्री नए भारत निर्माण के सपने में उत्तराखंड का अपना पूरा सहयोग देगा। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री का लगाव उत्तराखंड से किस तरह का है, ये हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। हम धर्म और संस्कृति का उत्सव मना रहे हैं। भव्य केदार और दिव्य केदार बनने जा रहा है।
रम्माण और पौणा नृत्य से पीएम मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री की अगुवाई में माणा गांव के भोटिया जनजाति की महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य भी किया। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं।
केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना और केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद पीएम बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने पूजा कर भगवान बदरीनाथ के दर्शन किए। इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अंतिम गांव माणा पहुंच गए हैं। जहां वह जनसभा को संबोधित करेंगे।
समुद्रतल से 10227 फीट की ऊंचाई पर सरस्वती नदी के किनारे बसे माणा गांव में भोटिया जनजाति के करीब 150 परिवार निवास करते हैं। यह गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कई अन्य कारणों से भी अपनी अलग पहचान रखता है। गांव की महिलाएं ऊन का लव्वा ( ऊन की धोती) और अंगुड़ी (ऊन का बिलाउज) पहनती हैं। यहां की महिलाएं हर वक्त अपने सिर को कपड़े से ढककर रखती हैं। किसी भी सामूहिक आयोजन में महिलाएं और पुरुष समूह में पौणा व झुमेलो नृत्य आयोजित करते हैं।
माणा में होगी जनसभा
देश के अंतिम गांव माणा के लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संवाद करेंगे। इसे लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह है। गांव की महिलाओं ने प्रधानमंत्री से पूछने के लिए कुछ सवाल भी तैयार किए हैं। आत्मनिर्भर माणा गांव के लोग प्रधानमंत्री के स्वागत की खास तैयारियों में जुटे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए और फिर पूजा अर्चना शुरू की। यहां पूर्जा-अर्चना करने के बाद वह बदरीनाथ धाम से आस्था पथ के साकेत चौक पहुंचेंगे।