उत्तराखंड की जनता को लगने वाला है महंगाई का करंट,करोड़ों के घाटे की भरपाई के लिए बिजली दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की तैयारी

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ख़बर रफ़्तार,देहरादून :  पिछले कुछ वर्षों में ऊर्जा निगम को टैरिफ में हुए करोड़ों के घाटे की भरपाई के लिए बिजली दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की तैयारी है।

ऊर्जा निगम की बोर्ड बैठक में पांच से आठ प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव पास हो गया है। प्रस्ताव को दो दिन के भीतर विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया जाएगा। आयोग के निर्णय के बाद ही इसे लागू किया जाएगा। इस वर्ष बिजली की दरों में यह तीसरी बार वृद्धि होगी।

 

 

  • निर्बाध आपूर्ति को हरसंभव प्रयास

ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि अपने तमाम खर्च खुद वहन करते हुए प्रदेश में निर्बाध आपूर्ति को हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में निगम को करोड़ों का घाटा हुआ।

इसके साथ ही कोविड काल के दौरान आवश्यकतानुसार टैरिफ में वृद्धि नहीं की जा सकी। ऐसे में निगम की वित्तीय हालत सुधारने के लिए विद्युत दरों में बढ़ोतरी नितांत आवश्यक है।

प्रबंध निदेशक ने कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान देश में कोयला संकट और गैस के संकट के कारण विद्युत उपलब्धता कम रही। जिसके चलते ऊर्जा निगम को समय-समय पर कई गुना अधिक दरों पर राष्ट्रीय बाजार से बिजली खरीद करनी पड़ी।

 

  • महंगी बिजली खरीद के कारण निगम पर वित्तीय भार खासा बढ़ा

उपभोक्ताओं को सामान्य दरों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति का प्रयास किया गया। महंगी बिजली खरीद के कारण निगम पर वित्तीय भार खासा बढ़ा है।सभी पहलुओं को देखते हुए बिजली दरों में पांच से आठ प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसे निगम की बोर्ड बैठक में पास कर दिया गया है। अब इसे नियामक आयोग के समक्ष रखा जाएगा।

 

  • पांच साल में 600 करोड़ से अधिक का घाटा

ऊर्जा निगम का तर्क है कि कम दाम पर बिजली उपलब्ध कराने के कारण लगातार घाटा हो रहा है। महंगाई बढ़ने के साथ ऊर्जा निगम का खर्च भी बढ़ा है। हालांकि, उन्होंने अपने किसी प्रकार के अन्य खर्च को टैरिफ में नहीं जोड़ा है।

उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के चलते पिछले करीब पांच साल में निगम को 620 करोड़ से अधिक का घाटा हुआ है। इसके अलावा कोरोनाकाल में वार्षिक टैरिफ में इजाफा न होना और बीते वर्ष उम्मीद से काफी कम वृद्धि की अनुमति मिलने के कारण घाटे की भरपाई नहीं हो पाई।

 

  • तो तीसरी बार बढ़ेंगी बिजली की दरें

वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिजली की दरों में यह तीसरी बार बढ़ोतरी होगी। हर वर्ष की भांति अप्रैल में ऊर्जा निगम ने दरों में बढ़ोतरी की थी। तब नियामक आयोग की अनुमति के बाद बिल में 2.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके बाद सितंबर में ऊर्जा निगम ने सरचार्ज बढ़ाया।

13 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव का अध्ययन कर आयोग ने 6.50 प्रतिशत सरचार्ज वृद्धि की अनुमति दी थी। इसके बाद अब एक बार फिर निगम की ओर से पांच से आठ प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

ऐसे में बिजली के बिल में घरेलू उपभोक्ताओं को एक वर्ष के भीतर 40 से 70 पैसे प्रति यूनिट तक अधिक देने होंगे। इससे प्रदेश के करीब 20 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे।

 

  • बिजली दरें बढ़ी तो व्यापारी करेंगे विरोध

देहरादून महानगर व्यापार प्रकोष्ठ की बैठक में निर्णय लिया कि यदि प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाई गईं तो व्यापारी विरोध करेंगे। मंगलवार को प्रकोष्ठ की बैठक डिस्पेंसरी रोड स्थित कार्यालय में हुई। जिसमें व्यापारियों ने कहा कि बिजली की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव की जानकारी मिल रही है। इससे छोटे व्यापारियों पर बोझ बढ़ेगा।

प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा ने कहा कि व्यापारियों में आक्रोश है कि बिजली दरें बढ़ने से महंगाई और बढ़ जाएगी। पहले ही व्यापारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बिजली की दरें बढ़ाना उचित नहीं है।

 

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