देहरादून आपदा की दर्दनाक कहानी: पिता और मां खोने के बाद बेसहारा पूजा की आपबीती

खबर रफ़्तार, देहरादून : देहरादून में आई आपदा ने 16 साल की पूजा को तोड़ कर रख दिया। पहले ही वह बहुत कुछ खो चुकी थी, लेकिन आपदा ने उससे बचा हुआ भी सब कुछ छीन लिया।

12 वर्ष पहले पिता गुजर गए। इससे एक वर्ष पूर्व मां छोड़कर चली गई थी। बचपन से एक कमरे के घर में भाइयों ने पाला अब आपदा ने वह घर भी छीन लिया। यह आपबीती सुनाते हुए मजाडा गांव निवासी 16 वर्षीय पूजा फफक कर रो पड़ी। उन्होंने कहा कि अब कैसे जीएंगे कुछ पता नहीं।

सहस्रधारा क्षेत्र में आई आपदा के बाद हर किसी ने कुछ न कुछ खोया। आपदा ने मजाडा की पूजा के दुखों का जख्म फिर से कुरेद दिया। जब वह चार वर्ष की थी तब पिता की मौत हो गई, इससे पहले मां ने छोड़ दिया था। उसे अपने माता-पिता का चेहरा भी सही से याद नहीं। पिता एक कमरे का घर छोड़कर गए थे, वर्षों से वह अपने तीन भाइयों के साथ इसी में रह रही थी।
आपबीती सुनाते-सुनाते पूजा की आंखें भर आईं
अब आपदा ने उसे भी अपनी जद में ले लिया। अब आगे की जिंदगी कैसे गुजरेगी, पूजा कुछ नहीं समझ पा रही है। आपबीती सुनाते-सुनाते पूजा की आंखें भर आईं। बताया कि उसके भाई मजदूरी करके किसी तरह गुजारा कर रहे थे।
वह पढ़ाई भी कर रही थी, शायद वह अब कभी भी स्कूल नहीं जा पाएगी। आपदा की रात उनके घर से बाहर आते ही वह ढह गया। रातभर जंगलों और जख्मी पहाड़ों के रास्ते वह किसी तरह राहत कैंप में पहुंची।

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