20°C से नीचे नहीं जाएगा AC: केंद्र का नया प्रस्ताव क्या, भीषण गर्मी का मौसम झेलने वाले भारत पर कैसा असर?

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खबर रफ़्तार: भारत में एसी को लेकर जिस नए प्रस्ताव को लाने की बात हो रही है, वह क्या है? इसका क्या असर होगा? दुनिया में और कहां-कहां इस तरह के नियम हैं? यह नियम किस तरह का असर डालेगा? आइये जानते हैं…

केंद्र सरकार अब भारत में बिजली की खपत को कम करने के लिए नया नियम लाने पर विचार कर रही है। इसके तहत देश में अब आगे बिकने वाले एयर कंडीशनर (एसी) में तापमान की सीमाएं तय की जा सकती हैं। ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि भारत में सभी तरह के एसी में न्यूनतम तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सकता है। वहीं, अधिकतम तापमान को 28 डिग्री सेल्सियस तक रखा जा सकता है। यह नियम घर के साथ-साथ दफ्तरों में लगने वाले एयर कंडीशनर के लिए भी तय हो सकते हैं।

ऐसे में यह जानना अहम है कि भारत में एसी को लेकर जिस नए प्रस्ताव को लाने की बात हो रही है, वह क्या है? इसका क्या असर होगा? दुनिया में और कहां-कहां इस तरह के नियम हैं? यह नियम किस तरह का असर डालेगा?

एसी के तापमान पर किन नए नियमों को लाने की तैयारी में है सरकार?
दिल्ली में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि एयर कंडीशनिंग के मानकों के तहत जल्द ही नए नियम लागू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में एयर कंडीशनरों में 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 28 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को स्टैंटर्ड बनाया जाएगा। यानी हम एसी में तापमान को 20 डिग्री से ज्यादा ठंडा और 28 डिग्री से ज्यादा गर्म नहीं करेंगे।

केंद्र की नई गाइडलाइंस के बाद क्या बदल जाएगा?
इससे देशभर में बिकने वाले एसी में तापमान की रेंज को 20 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर दिया जाएगा। एसी में यह मानक रिहायशी और वाणिज्यिक दोनों तरह के क्षेत्रों के लिए लागू होगा। अगर सरकार इस प्रस्ताव को लागू कर देती है तो एसी निर्माता कंपनियों को ही अपने उत्पादों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बदलाव के जरिए इस रेंज तक सीमित रखने के लिए कहा जा सकता है। यानी उपभोक्ता अगर चाहें तो भी वे एसी का तापमान 20 डिग्री से कम या 28 डिग्री से ज्यादा नहीं कर पाएंगे।

फिलहाल देश में जो एयर कंडिशनर आ रहे हैं, उनमें तापमान की सेटिंग को 16 डिग्री या 18 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। वहीं, इनमें अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।

पंकज अग्रवाल के मुताबिक, एसी का तापमान न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से भीषण गर्मी वाले सीजन में भी करीब तीन गीगावॉट तक ऊर्जा की बचत की जा सकेगी। बताया जाता है कि इसे एसी को ज्यादा क्षमता पर काम करने लायक बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही ऊर्जा ग्रिडों पर बोझ कम होगा। चूंकि भारत में बिजली बनाने में अभी भी कोयले का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, इसलिए ऊर्जा उपभोग घटने से प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
उपभोक्ताओं पर क्या असर पडे़गा?
भारत में बिजली से संचालित होने वाले उपकरणों में ऊर्जा मानकों को निर्धारित करने वाली संस्था- ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के मुताबिक, एसी का तापमान हर एक डिग्री ज्यादा होने के साथ छह फीसदी तक ऊर्जा बच सकती है। इसे ऐसे समझें- अगर आप अपने घर पर एसी को 16 डिग्री सेल्सियस पर चलाते हैं और बाद में इसे 20 डिग्री सेल्सियस कर देते हैं तो आप ऊर्जा खर्च को 24 फीसदी तक कम कर सकते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले की एक स्टडी की मानें तो भारत में एसी के तापमान की रेंज सीमित स्तर पर तय करने से 2035 तक देश 60 गीगावॉट तक बिजली बचा सकती है। यानी भारत में इससे नए ऊर्जा संयंत्रों और ग्रिड सिस्टम के लिए संभावित 88 अरब डॉलर (करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये) के खर्च को बचाने में मदद मिलेगी।

क्या 16-18 डिग्री के बजाय 20 डिग्री पर एसी चलने से ठंड कम और देर से पैदा होगी?
आम लोगों के बीच यह भ्रांति है कि बेहद गर्मी के मौसम में 16 या 18 डिग्री सेल्सियस की सेटिंग पर एसी चलने से कमरा जल्दी ठंडा होता है और यह ठंड लंबे समय तक बनी रहती है। हालांकि, थर्मोडायनेमिक्स के नियमों के आधार पर जाएं तो यह सच नहीं है।

  • एसी की सेटिंग 16 या 18 डिग्री पर करने से कमरा जल्दी ठंडा नहीं होता। इससे भी उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए आपके कमरे का तापमान किसी समय 36 डिग्री सेल्सियस है। आपने एसी को 16 डिग्री सेल्सियस पर सेट किया। यानी कमरे का तापमान धीरे-धीरे कम होता हुआ 35, 34, 33…18, 17, 16 डिग्री सेल्सियस तक आएगा।
  • इस 16 डिग्री तक पहुंचने में एसी की मोटर को ज्यादा ताकत लगानी पड़ेगी यानी ऊर्जा की खपत ज्यादा होगी। साथ ही इस तापमान तक पहुंचने में समय भी ज्यादा लगेगा।
  • दूसरी तरफ अगर एसी 20 डिग्री सेल्सियस पर सेट किया गया है तो कमरे का तापमान इस स्थिति तक जल्द पहुंच जाएगा। इस तरह एसी जल्द कमरे में एक समान तापमान बना सकेगा और इसमें ऊर्जा की खपत भी कम होगी।
क्या एसी में कम तापमान सेट करने से कमरा ज्यादा देर तक ठंडा रहता है?

  • इसका जवाब है नहीं। एसी में कम तापमान सेट करने से कमरा सिर्फ जरूरत से ज्यादा ठंडा हो जाता है। इस तापमान तक नीचे आने के बाद एसी कुछ समय के लिए कंप्रेसर को आराम देता है और फिर कमरे में इसी तापमान को बनाए रखने के लिए लगातार दबाव में बना रहता है, जिससे ऊर्जा खपत ज्यादा बनी रहती है।
  • वहीं, 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में कमरा पर्याप्त रूप से ठंडा हो जाता है। साथ ही एसी को भी इस तापमान तक कमरे को ठंडा करने के बाद कमरे में एक समान ठंड बनाए रखने के लिए ज्यादा लोड नहीं लेना पड़ता। इससे एसी ज्यादा देर तक दबाव में भी नहीं रहता।
दुनिया में एसी के तापमान को लेकर क्या हैं मानक?
भारत ने एसी के तापमान को लेकर जो मानक तय किए हैं, वह वैश्विक मानकों के अनुरूप ही हैं। कई देशों में एसी के तापमान से जुड़े नियम सख्ती से लागू हैं और कुछ देशों में सरकार ने इससे जुड़े दिशा-निर्देश ही दिए हैं, यानी इसका फैसला आम लोगों पर ही छोड़ा गया है।

1. जापान
जापान में एसी के इस्तेमाल से ऊर्जा खपत को कम करने के लिए दफ्तरों में कर्मचारियों को पहनावे को कम औपचारिक रखने पर जोर दिया गया है। यानी यहां लोग सूट और टाई की जगह टीशर्ट-कार्गो में आ सकते हैं। सरकार यहां दफ्तरों में इस्तेमाल होने वाले एसी को 28 डिग्री सेल्सियस पर चलाने की हिदायत देती है, ताकि ऊर्जा को बचाया जा सके।

2. स्पेन
स्पेन ने दफ्तरों, दुकानों और अन्य संस्थानों के लिए गर्मियों के दौरान भी एसी के तापमान की सेटिंग 27 डिग्री सेल्सियस से नीचे न करने का मानक बनाया है। इसके जरिए स्पेन की सरकार आयात होने वाले जीवाश्म ईंधन के उपयोग पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है।

3. दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में जून से सितंबर तक चलने वाले गर्मी के महीनों में एसी का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से कम करने की अनुमति नहीं है। इसे लेकर स्थानीय प्रशासन ने एक कानून भी बनाया है। इतना ही नहीं 2021 में दक्षिण कोरियाई सरकार ने स्थानीय सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मियों से हर दिन 30 मिनट एसी बंद करने की अपील भी की थी।

4. सिंगापुर
सिंगापुर में घरों से लेकर उद्यमों और दफ्तरों में भी 25 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा तापमान रखने के दिशा-निर्देश हैं। सिंगापुर में यह एक आंदोलन के तहत लागू हुआ नियम है, जिसका मकसद ऊर्जा खपत को कम करना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचना है।

5. अमेरिका
अमेरिका का ऊर्जा मंत्रालय घरों पर एसी का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रखने की अनुशंसा करता है। हालांकि, इसका फैसला वहां रहने वाले लोगों के विवेक पर छोड़ा गया है।

6. चीन
चीन में पर्यावरण मंत्रालय एसी को गर्मियों के दौरान 26 डिग्री सेल्सियस से कम न करने और सर्दियों में 20 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पर सेट न करने की अनुशंसा करता है। चीन में इसे नियम मानते हुए ही अधिकतर लोग ऊर्जा संरक्षण के मकसद से इसका पालन करते हैं।

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