ख़बर रफ़्तार, देहरदून: चांद के दीदार के साथ ही रहमत, बरकत का महीना माह-ए-रमजान शुरू हो गया है। रात को मस्जिदों में तरावीह कर रोजेदारों ने देश की खुशहाली की दुआ मांगी। पहला रोजा आज से शुरू होगा। 10 अप्रैल को तकरीबन 14 घंटे 10 मिनट का सबसे लंबा रोजा रहेगा। उलेमा ने सभी को माह-ए रमजान की बधाई दी।
रमजान शरीफ का पैगाम है कि मुस्लिम रोजे का अहतराम करें। इस दौरान झूठ न बोलें, बुरा न सोचें व बुरा न करें। अल्लाह के बताए पैगाम को जीवन में उतारें। यह महीना गरीबों का हमदर्द बन उनके दुखों को बांटना भी सिखाता है।
बाजार में दिखी रौनक
रमजान पर फल, फैनी, खजला, खजूर व सहरी व इफ्तार में लिए जाने वाले सामान की खरीदारी के लिए देर शाम तक बाजार में भीड़ उमड़ी रही। सूखे मेवे, फल, खजूर, फैनी, खजला की खूब खरीदारी हुई। दुकानदारों के चेहरे पर भी रौनक दिखी है।
रमजान में इबादत का काफी महत्व
रमजान का यह महीना तीन भागों में बंटा होता है। अर्थात यह कि एक से लेकर 10 दिनों तक रहमत का अशरा होता है, तो 11 से लेकर 20 तक बरकत का। 21 से लेकर 30 तक मगफिरत होता है। रमजान में इबादत का काफी महत्व होता है। यही कारण है कि लोग इबादत के साथ-साथ जकात भी निकालते हैं। जकात का अर्थ होता है जमा पूंजी का दो अथवा ढाई प्रतिशत जरूरतमंदों में दान करना।
रमजान समय
पहला रोजा 12 मार्च इफ्तार
- सुन्नी: 06:26
- शिया: 06:21
दूसरा रोजा 13 मार्च सहरी
- सुन्नी: 05:10
- शिया: 05:15
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