ख़बर रफ़्तार, नैनीताल : हमारे सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) सूर्य के पहलू में छिपने जा रहा है। 18 मई को होने जा रही युति यानी कंजक्शन की इस खगोलीय घटना के दौरान गुरु करीब चार सप्ताह तक यह पृथ्वी से नजर नही आने वाला है। इस अवधि में बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी पर भी रहेगा।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (प्रीज) नैनीताल के खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार बृहस्पति अपने पथ पर अब सूर्य के करीब से गुजरने जा रहा है। यह स्थिति 18 मई से शुरू होकर डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार बृहस्पति व सूर्य की युति यानी कंजक्शन लगभग 12 वर्ष में एक बार होती है। क्योंकि बृहस्पति को सूर्य की परिक्रमा करने में 12 वर्ष का समय लगता है।
यह गैसीय ग्रह आसमान में नग्न आंखों से देखा जा सकता है। चार सप्ताह तक रहेगी और बृहस्पति हमारी नजरों से ओझल रहेगा। इस बीच बृहस्पति पृथ्वी से सर्वाधिक दूर और सूर्व के सबसे नजदीक पहुंच जाएगा। सूर्य व बृहस्पति के बीच आभासीय दूरी मात्र 0.43 डिग्री रह जाएगी। इसी समय बृहस्पति व पृथ्वी की दूरी 6.03 एयू हो जाएगी।

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