एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल में बदली इतिहास की व्याख्या, विभाजन के लिए जिन्ना-कांग्रेस-माउंटबेटन को ठहराया जिम्मेदार

खबर रफ़्तार, एजुकेशन: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के मौके पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है। इस मॉड्यूल में बताया गया है कि भारत के विभाजन के लिए तीन प्रमुख व्यक्तियों- मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है।

अगर छात्र भारत-पाकिस्तान विभाजन के इतिहास को बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं, तो अब उन्हें यह जानकारी एनसीईआरटी के एक नए मॉड्यूल के जरिए मिलेगी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर विशेष मॉड्यूल जारी किया है। इस मॉड्यूल में बताया गया है कि विभाजन के लिए मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है।

क्या है इस नए मॉड्यूल की खास बात?

इस मॉड्यूल को ‘विभाजन के अपराधी’ (Culprits of Partition) शीर्षक दिया गया है और इसे कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए अलग-अलग रूप में तैयार किया गया है। हालांकि, यह किसी भी कक्षा की पाठ्यपुस्तक का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह पूरक शैक्षिक सामग्री के तौर पर पेश किया गया है, जिसे पोस्टर, वाद-विवाद, प्रोजेक्ट्स और चर्चाओं के माध्यम से बच्चों को सिखाया जाएगा।

 

तीन प्रमुख जिम्मेदार: जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन

एनसीईआरटी द्वारा जारी मॉड्यूल में भारत-पाक विभाजन के लिए तीन प्रमुख शख्सियतों को जिम्मेदार ठहराया गया है- मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन। मॉड्यूल के मुताबिक, जिन्ना ने विभाजन की मांग की, कांग्रेस ने इसे स्वीकार किया और माउंटबेटन ने इसे लागू किया। इसके साथ ही इसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू का जुलाई 1947 में दिया गया एक एतिहासिक भाषण भी शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था- “विभाजन बुरा है, लेकिन एकता की कीमत चाहे जो भी हो, गृहयुद्ध की कीमत उससे कहीं ज्यादा होगी।” यह उद्धरण उस समय की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है, जब देश कठिन फैसलों के मोड़ पर खड़ा था।

इतिहास के अनछुए पहलुओं को शामिल किया गया

मॉड्यूल में बताया गया है कि विभाजन के दौरान करीब 6 लाख लोग मारे गए और 1.5 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए। ये तथ्य अक्सर स्कूली किताबों में पूरी तरह नहीं बताए जाते थे। इसके अलावा, मॉड्यूल में यह भी बताया गया है कि विभाजन ने देश की एकता को खंडित किया, पंजाब और बंगाल की अर्थव्यवस्था को तबाह किया और जम्मू-कश्मीर को सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता की ओर धकेला, जो आगे चलकर आतंकवाद का कारण बना।

कैसे पढ़ाया जाएगा यह मॉड्यूल?

एनसीईआरटी के अनुसार, यह मॉड्यूल शैक्षिक परियोजनाओं, पोस्टरों, रोल-प्ले, निबंध और समूह चर्चा जैसे रचनात्मक तरीकों से पढ़ाया जाएगा। यह मॉड्यूल न केवल छात्रों को इतिहास की सच्चाई से अवगत कराएगा, बल्कि उन्हें सोचने की दिशा भी देगा।

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