खबर रफ़्तार, भराड़ीसैंण: उत्तराखंड मानसून सत्र में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। शोरगुल के बीच 5315 करोड़ का अनुपूरक बजट और आठ विधेयक पारित हो गए। इस दौरान डेढ़ दिन में 2 घंटे 40 मिनट ही सदन की कार्यवाही चली। इसके साथ ही दूसरे ही दिन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
देश की सबसे अधिक 5410 फीट ऊंचाई पर बसी विधानसभा पहाड़ के सपनों की ग्रीष्मकालीन राजधानी तो बनी। लेकिन 11 साल में यहां 10 बार पहुंचकर सरकारों ने केवल 35 दिन ही सत्र चलाया है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि लाखों का खर्च करके भी बिना किसी मुद्दे पर चर्चा किए सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई।
राजनीतिक दलों ने सब्जबाग तो खूब दिखाए लेकिन पहाड़ चढ़ने के बावजूद सदन चलाने को लेकर उदासीनता सबकी एक जैसी ही रही। अब तो ये माना जाता है कि भराड़ीसैंण में सत्र की पटकथा पहले ही लिख दी जाती है। सरकार सत्र चलाने पहुंचती है, विपक्ष हंगामा करता है और सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला है।
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