
ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की ओर से जमा की जाने वाली संचायिका के लाखों रूपये में गड़बड़ी और रूपये छात्रों को वापस न लौटाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद अभी तक जवाब दाखिल नहीं करने पर पच्चीस हजार रूपये का अर्थदंड शिक्षा विभाग पर लगाया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार आरटीआई क्लब ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2016 तक स्कूली छात्र-छात्राओं से बचत को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ धनराशि फीस के साथ संचायिका के रूप में जमा कराई जाती थी, जो स्कूल छोड़ने पर उन्हें वापस कर दी जाती थी। लेकिन राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2016 में इसे बंद कर दिया गया। लेकिन बहुत से स्कूलों ने संचायिका में जमा धनराशि छात्रों को वापस न लौटाकर इसमें गड़बड़ी कर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
जनहित याचिका में कहा गया कि संचायिका का पैसा छात्रों को वापस किया जाए और इसमें घोटाला करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अगर स्कूल इस पैसे को वापस नही़ करते है तो इसका उपयोग स्कूल के सुविधाओं में किया जाए।
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