यूकेएसएसएससी के पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ हुई सख्त, जांच में सहयोग न करने वाले नकलचियों पर होगा मुकदमा

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खबर रफ़्तार, देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक प्रकरण में अब उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ) सख्ती के मूड में है। जांच में सहयोग न करने वाले नकलची अभ्यर्थियों के खिलाफ एसटीएफ जल्द ही मुकदमा दर्ज कराएगी।

प्रकरण में सबसे अधिक 45 नकलची अभ्यर्थी स्नातक स्तर के हैं, जोकि नोटिस देने के बावजूद अब तक अपना पक्ष रखने के लिए एसटीएफ के समक्ष पेश नहीं हुए, और जब पुलिस उनके घर बयान लेने पहुंची तो वह घर पर भी मौजूद नहीं मिले।

  • 205 से अधिक नकलची ब्लैकलिस्ट

पेपर लीक प्रकरण में स्नातक स्तर की परीक्षा, वन दारोगा, सचिवालय रक्षक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 की जांच एसटीएफ कर रही है।

स्नातक स्तरीय 2021 परीक्षा की धांधली में अब तक 45, वन दारोगा की परीक्षा में पांच, सचिवालय रक्षक परीक्षा में एक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा में कुल 57 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

इसके अलावा इन परीक्षाओं में 205 से अधिक नकलची ब्लैकलिस्ट किए जा चुके हैं। यह वह अभ्यर्थी हैं, जिनका नाम खुद नकल करने और नकल करने के बाद पेपर को आगे पहुंचाने में है।

  • स्नातक स्तर के हैं 45 नकलची अभ्यर्थी

स्नातक स्तर पर 45 ऐसे नकलची अभ्यर्थी हैं, जिनका नाम लीक हुए पेपर से नकल करने व पेपर आगे सप्लाई करने में सामने आया है। यूकेएसएसएससी की ओर से कुछ अभ्यर्थियों का नाम ब्लैकलिस्ट में उजागर करने के बाद यह अभ्यर्थी अब अपना बयान दर्ज करवाने आगे नहीं आ रहे हैं।

जब पुलिस कुछ अभ्यर्थियों के घर पहुंची तो वह घर पर भी मौजूद नहीं मिले। एसटीएफ ऐसे अभ्यर्थियों को भी केस में आरोपित बनाएगी और उनका नाम आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा।

  • बीपीडीओ में 60 के बयान हुए हैं दर्ज

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में कुल 196 में से करीब 60 अभ्यर्थियों के बयान एसटीएफ दर्ज कर चुकी हैं, जबकि अन्य के अभी दर्ज करने बाकी हैं। सचिवालय रक्षक में सभी के बयान दर्ज हो चुके हैं जबकि वन दारोगा में कई सेंटरों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से तीन सेंटरों की जांच पूरी हो चुकी है।

यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में कई अभ्यर्थी नोटिस जारी करने के बावजूद भी बयान दर्ज करने के लिए नहीं आए। जब बयान लेने के लिए पुलिस को उनके घर पर भेजा गया तो वह घर पर भी मौजूद नहीं मिले। ऐसे जांच में सहयोग न करने वाले अभ्यर्थियों को आरोपित बनाने की तैयारी है। उनका नाम आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा।

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