ख़बर रफ़्तार, देहरादून : उत्तराखंड में पौड़ी के कोट ब्लॉक निवासी एक ग्राम विकास अधिकारी की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी। उनका शव जिला मुख्यालय में बनी मोर्चरी में रखा जहां रात में चूहों ने शव कुतर दिया। सुबह जब परिजनों ने शव देखा तो विभाग पर घोर लापरवाही लगाते हुए कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि मोर्चरी की सुविधाओं के प्रति स्वास्थ्य महकमा लापरवाह बना है। उन्होंने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ब्लॉक एकेश्वर के नौगांवखाल में सेवारत ग्राम विकास अधिकारी राहुल उप्रेती (कोट ब्लाॅक के देवल गांव के मूल निवासी) की बीते शुक्रवार को तबीयत अचानक खराब हो गई। राहुल को उनकी पत्नी सीएचसी नौगांवखाल ले गईं जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत किसी कारण से हुई इसके लिए शव का पोस्टमार्टम होना था लेकिन सीएचसी में मोर्चरी नहीं होने के कारण शव को जिला मुख्यालय पौड़ी लाया गया।
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मृतक के परिजन नितिन उप्रेती ने आरोप लगाया कि मोर्चरी में डीप फ्रीजर खराब था, उन्हें नहीं बताया गया। डीप फ्रीजर का दरवाजा भी पूरा बंद नहीं हुआ था। शव रखने को लेकर कर्मचारियों का व्यवहार बहुत ही नकारात्मक रहा। रात होने के कारण शव नौ बजे मोर्चरी में रख दिया गया। आरोप लगाया कि कहा कि मार्ग की ओर से मोर्चरी का मेन गेट भी रातभर खुला था। सुबह जब शव को देखा तो परिजनों के होश उड़ गए, शव को चूहों ने कुतरा हुआ था। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया।
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