खबर रफ़्तार, नई दिल्ली : महाराष्ट्र में बुधवार को 10 दिवसीय गणेशोत्सव का आगाज हो गया है। इसके अलावा पूरे देश में धूमधाम से लोग बप्पा को अपने घरों या पंडालों विराजित कर रहे हैं। लोग बड़े उत्साह के साथ भगवान गणेश को अपने घरों, मकानों और सार्वजनिक पंडालों में ला रहे हैं। सुबह से ही चारों ओर ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने इस पावन अवसर पर सभी के कल्याण और समृद्धि की कामना की। पीएम मोदी ने लिखा, ‘आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं। भक्ति और आस्था से भरा यह पावन अवसर सभी के लिए मंगलमय हो। मैं भगवान गजानन से प्रार्थना करता हूं कि वे अपने सभी भक्तों को सुख, शांति और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें। गणपति बप्पा मोरया!’
विनायक चतुर्थी को विनायक चविथी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जो नई शुरुआत का प्रतीक है। यह शुभ काम से पहले पूजे जाने वाले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की वंदना का प्रतीक है। देश-विदेश में भक्त सजे-धजे घरों और पंडालों, प्रार्थनाओं, संगीत और जीवंत जुलूसों के साथ उनकी बुद्धि और बुद्धिमत्ता का जश्न मनाते हैं।
इससे पहले गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए मुंबई के श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। इस उत्सव के लिए लोग भगवान गणेश की मूर्तियां अपने घरों में लाते हैं। उपवास रखते हैं और स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। इस त्योहार के दौरान पंडाल सजाए जाते हैं। देश भर में मनाए जाने वाले इस त्योहार में लाखों भक्त भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों और मंडलों में एकत्रित होते हैं।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘देश-विदेश में रह रहे सभी भारतीयों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं! यह महापर्व बुद्धि और विवेक के देवता भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश से मैं प्रार्थना करती हूं कि वे व्यक्ति-निर्माण तथा राष्ट्र-निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर करते रहें तथा उनके आशीर्वाद से सभी देशवासी, पर्यावरण-अनुकूल जीवन शैली अपनाते हुए, सशक्त भारत के निर्माण में निष्ठा के साथ कार्यरत रहें। गणपति बाप्पा मोरया!’
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