
खबर रफ़्तार,पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा पर धारचूला में मंगलवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही। अंतरराष्ट्रीय पुल से दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही सामान्य रही। भारत में काली नदी किनारे तटबंध निर्माण का कार्य सुचारू हो गया है। अब बुधवार को पिथौरागढ़ और नेपाल के दार्चुला जिला प्रशासन की बैठक धारचूला में होगी।
- पिथौरागढ़ के धारचूला नगर को खतरा पैदा हो गया था
दरअसल भारत-नेपाल की सीमा तय करने वाली काली नदी हर साल आबादी क्षेत्र की ओर कटाव करती है। पिछले दो वर्ष से इस कटाव के कारण पिथौरागढ़ के धारचूला नगर को खतरा पैदा हो गया था।
इसे देखते हुए भारत अपनी ओर 76 करोड़ की लागत से 985 मीटर तटबंध धारचूला नगर क्षेत्र में बना रहा है। 40 प्रतिशत कार्य हो चुका है और मार्च 2023 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य है। नेपाल अपनी ओर से पहले ही तटबध बना चुका है।
- कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था
इधर, रविवार को तटबंध निर्माण कार्य कर रहे मजदूरों पर नेपाल की ओर से कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था। जिसमें एक नेपाली मजदूर घायल हो गया था और अन्य मजदूरों ने भाग कर जान बचाई।
बाद में नेपाल प्रहरी ने नेपाल की तरफ से सीमा पुल भी बंद कर दिया। इससे दोनों देशों के लोग करीब ढाई घंटे तक फंसे रहे। एसडीएम धारचूला और नेपाल के दार्चुला जिले के डीएम के बीच वार्ता हुई और इसके बाद ही पुल खुला।
तभी नेपाल प्रहरी के कुछ जवानों ने बल प्रयोग भी किया, जिसमें एक भारतीय नागरिक को हल्की चोट आई। जिसे लेकर धारचूलावासी आक्रोशित हो गए।
सोमवार को धारचूला व्यापार संघ ने सुबह अंतरराष्ट्रीय पुल बंद कर दिया। जिस कारण नेपाल से लोग भारत नही आ सके। व्यापारियों का कहना था कि नेपाल से सात बार पथराव हो चुका है। नेपाल प्रशासन और नेपाल प्रहरी पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नही कर रहे हैं।
- मंगलवार को तटबंध निर्माण कार्य जारी रहा
सोमवार को ही एडीएम पिथौरागढ़ एफआर चौहान और एसडीएम दिवेश शाशनी ने नेपाल के दार्चुला जाकर वहां के डीएम दिर्घराज उपाध्याय के साथ वार्ता भी की। एसडीएम ने बताया कि मंगलवार को तटबंध निर्माण कार्य जारी रहा। पुल से सामान्य आवाजाही बनी रही।
अब बुधवार को पिथौरागढ़ की डीएम रीना जोशी और नेपाल के दार्चुला जिले के डीएम दिर्घराज उपाध्याय के बीच धारचूला में बैठक होगी। बैठक में सभी मुद्दों पर वार्ता होगी, ताकि भविष्य में दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच ऐसे असामाजिक तत्वों की वजह से गतिरोध पैदा नहीं हों।
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