खबर रफ़्तार: बीते माह 29 अगस्त को कामला गांव निवासी 75 वर्षीय गुन्नो देवी पत्नी लाल सिंह को लकवा (पैरालिसिस) का अटैक पड़ा। सड़क का निर्माण कार्य अधूरा होने के चलते परिजनों को उन्हें पांच किमी कंधों पर ढोना पड़ा। मुख्य मार्ग दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे तक पहुंचने में परिजनों को करीब चार घंटे का वक्त लगा। जैसे तैसे उन्होंने गुन्नो देवी को अस्पताल पहुंचाया गया।
अक्सर कामला, पिनगिरी और चुणौ गांव में किसी व्यक्ति के बीमार होने पर लोगों को इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ता है। डंडी कंडी के सहारे बीमार व्यक्ति को ले जाना पड़ता है। तीन वर्ष पूर्व लोनिवि खंड साहिया ने 5 किमी लंबे सकरोल-कामला – चुणौ मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया था।
जिससे पिनगिरी, कामला, चुणौ, बड़ेत, ठलीन गांव की करीब एक हजार की आबादी सड़क सुविधा से जुड़नी है। अभी तक तीन किमी मोटर मार्ग का ही निर्माण हो सका है। चुणौ से कामला गांव के बीच किमी-दो पर कटिंग का कार्य आधा अधूरा पड़ा है।
पूर्व प्रधान रीना तोमर, इंदर सिंह, जगत सिंह चौहान, मदन सिंह, भगवान सिंह का कहना है कि अक्सर गांव में किसी व्यक्ति के बीमार होने पर उसे डंडी कंडी के सहारे मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ता है। निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण लोगों की आवाजाही कठिन बनी हुई है। ग्रामीणों को पांच किमी तक की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। नकदी फसलें मंडियों तक ले जाने में भी किसानों के पसीने छूट जाते हैं।
+ There are no comments
Add yours