अब ट्रेन दुर्घटना होने पर सड़क मार्ग से पहुंचेगी मदद, तैयार हो गई है ‘तेजस

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ख़बर रफ़्तार, प्रयागराज : ट्रेन दुर्घटना के बाद अब मदद के लिए सबसे पहले सड़क मार्ग से तेजस पहुंचेगी। यह पहियों की लोडिंग और अनलोडिंग की एक यंत्रकृत प्रणाली है। जिसे रोड एआरटी (दुर्घटना राहत ट्रेन) कहते हैं। इसे तेजस नाम दिया गया है।

शुक्रवार को देश की पहली रोड एआरटी (दुर्घटना राहत ट्रेन) प्रयागराज से लांच हुई। मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज हिमांशु बडोनी ने हरी झंडी दिखाकर प्रयागराज की पहली तेजस को टुंडला के लिए रवाना किया। इसे टुंडला स्टेशन पर ही रखा जाएगा।
ये है दुर्घटना राहत गाड़ी

डीआरएम ने बताया कि रोड एआरटी एक दुर्घटना राहत गाड़ी है। यह गाड़ियों के अवपथन अथवा दुर्घटना के समय गाड़ियों का संचालन को शुरू करने की एक स्थापित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली है। इसे चिह्नित स्टेशनों पर रखा जाता है।

20 कर्मचारियों के बैठने की है व्यवस्था

तेजस, रोड एआरटी में आपातकालीन स्थिति के लिए करीब 1.5 टन वजन का एक व्हील सेट रखा गया है। इस रोड एआरटी में लगभग 20 कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था है। इसे वरिष्ठ खंड अभियंता की देखरेख में संचालित किया जाएगा। यह रोड एआरटी आवश्यकता पड़ने पर दादरी से लेकर इटावा तक कार्य करेगी।

इनकी देखरेख में हुआ निर्माण

तेजस, रोड एआरटी को वरिष्ठ मैकेनिकल इंजीनियर प्रयागराज मंडल विकास चौरसिया की देखरेख में उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया है।

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