हिमाचल प्रदेश: सराज, नाचन और करसोग में 45 से अधिक लोग लापता, जंजैहली में सेना के हेलिकाप्टर से पहुंचाया राशन

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स्वदेशी टाइम्स, शिमला/मंडी: सराज विधानसभा क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचाव दल सोमवार को भी बचाव एवं राहत कार्यों में जुटे हैं।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचाव दल सोमवार को भी बचाव एवं राहत कार्यों में जुटे हैं। वहीं रविवार सुबह हल्की बारिश के बाद मौसम साफ हो गया। इस कारण तीन दिन बाद सेना का हेलिकाप्टर जंजैहली में लैंड करने में सफल रहा। भारतीय वायुसेना के हेलिकाप्टर की खनुखली हेलीपैड के लिए पहली उड़ान में 90 राशन किट, 75 कंबल, कपड़ों की 3 पेटियां, आवश्यक दवाओं की दो पेटियों सहित अन्य जरूरी सामान पहुंचाया।

जंजैहली में एक निजी होटल में फंसे 63 पर्यटकों और चालक दल को सुरक्षित निकाला। उन्हें प्रातः करीब 11.00 बजे उन्हें जंजैहली से करसोग की ओर सुरक्षित ढंग से ले जाया गया। अभी तक सराज, नाचन, करसोग में 45 से अधिक लोग लापता हैं। सराज में अभी तक 11 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। प्रभावित क्षेत्रों से अब तक विभिन्न माध्यमों से नाै गर्भवती महिलाओं को क्षेत्रीय अस्पताल मंडी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक भेजा जा चुका है। एक गर्भवती महिला को जंजैहली से वाया करसोग आईजीएमसी शिमला भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग की 10 मोबाइल मेडिकल टीमें जंजैहली, 10 थुनाग और 4 टीमें बगस्याड़ क्षेत्र के प्रभावित गांवों में जाकर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं। आपदा के दौरान फैलने वाले संक्रमण से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक दवाएं वितरित की जा रही हैं।

अब तक 100 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
जिला मंडी में दो एनएच सहित कुल 202 सड़कें बाधित हैं। विद्युत बोर्ड के 236 ट्रांसफार्मर बंद हैं और 278 पेयजल योजनाएं अभी भी बाधित हैं। शनिवार से सड़कों को थुनाग तक बहाल कर प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में कामयाब हुआ है। सड़क खुलने से सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने भी सर्च अभियान छेड़ कर लापता लोगों की तलाश तेज कर दी है। अब तक करीब सौ लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर आश्रय दिया है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मंडी जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच का कार्य जारी है। आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का भंडारण, मेडिकल स्टाफ की तैनाती और जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की गई है

बजार में ब्यास नदी में किशोरी का शव बरामद

थाना सुजानपुर के तहत व्यास नदी में बजार नामक जगह पर एक किशोरी का शव बरामद हुआ है। किशोरी के शव की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को नदी से निकाला है। स्थानीय लोगों ने शव देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। आईआरबी बटालियन जंगलबैरी में तैनात पुलिस जवान हवलदार कृष्ण कुमार ने अपने साथी के साथ ट्यूब के सहारे शव को पानी से बाहर निकाला। वहीं, इस संबंध में थाना प्रभारी राकेश धीमान ने बताया कि पानी से शव को निकाल लिया गया है। सभी पुलिस थानों के साथ सूचना साझा की गई है।

कुछ भागों में चार दिन भारी बारिश का येलो अलर्ट

बीते 24 घंटों के दाैरान बीबीएमबी 58.0, नंगल डैम 56.0, ओलिंडा 46.0, बरठीं 44.6, ऊना 43.0, श्रीनयना देवी 36.4, गोहर 29.0 व  ब्राह्मणी में 28.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 7 से 10 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट है। कई स्थानों पर 13 जुलाई तक बारिश का दाैर जारी रहने के आसार हैं।

सुबह 6 से रात 10 बजे तक पेयजल स्कीमें दुरूस्त करने में जुटे कर्मी

 मंडी जिला में प्राकृतिक आपदा के बाद तहस नहस हुई पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपरीत परिस्थितियों में जल शक्ति विभाग के कर्मी सुबह 6:00 से रात 10:00 बजे तक सेवाएं दे रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी तौर पर पेयजल आपूर्ति बहाल करने के लिए विभाग ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी जिला के सराज और गोहर क्षेत्र का दौरा कर जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था बहाल करने के काम की रोजाना समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। मंडी जिला में जल शक्ति विभाग की 278 पेयजल योजनाए बाधित हुई हैं। अकेले सुंदरनगर उपमंडल की 267 पेयजल योजनाएं ठप हैं। जल शक्ति विभाग के धर्मपुर उपमंडल की 11 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। राहत शिविरों में पर्याप्त और स्वच्छ पेयजल प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाया जाएगा। विभागीय अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था बहाल करने के काम की रोजाना समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

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