प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मॉनसून को नवाचार और नई संभावनाओं का प्रतीक बताया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, देश में मौसम अनुकूल रहा है, जो कृषि के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है। बारिश न केवल किसानों की आय, बल्कि ग्रामीण और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करती है। पीएम ने बताया कि पिछले एक दशक की तुलना में इस बार जल भंडारण में तीन गुना वृद्धि हुई है, जिसका भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था को व्यापक लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान ने विश्व को भारतीय सेना की ताकत का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत केवल 22 मिनट में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। इस मिशन में स्वदेशी सैन्य शक्ति के प्रदर्शन ने वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। पीएम ने कहा कि जब भी वे विश्व नेताओं से मिलते हैं, स्वदेशी हथियारों के प्रति दुनिया का रुझान बढ़ता दिखाई देता है।
देश में माओवाद और नक्सलवाद का प्रभाव लगातार कम हो रहा है। हमें इस बात पर गर्व है कि बंदूक की ताकत के सामने हमारा संविधान विजयी हो रहा है। जो क्षेत्र पहले देश के लिए खतरे का प्रतीक माने जाते थे, वे अब विकास और समृद्धि के हरे-भरे क्षेत्रों में बदल रहे हैं। इस संसद सत्र में पूरे देश को इस गौरवशाली परिवर्तन की गाथा सुनने का अवसर मिलेगा, और यह हर सांसद की आवाज़ में गूंजेगा।
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर थे, लेकिन अब हम तेज़ी से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर हैं। भारत वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। पीएम ने कहा, ‘2014 में जब आपने हमें यह जिम्मेदारी सौंपी थी, तब देश नाजुक आर्थिक स्थिति से गुजर रहा था। उस समय हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर थे। आज भारत अभूतपूर्व गति से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है…’
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