ख़बर रफ़्तार, देहरादून: साइबर अपराध पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आए हैं। साइबर अपराधी वर्तमान समय में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों से एक कदम आगे चल रहे हैं। इनसे निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को न केवल आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण लेना होगा, बल्कि कार्यक्षेत्र में आधुनिक उपकरणों का समावेश भी करना होगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये भी इस दिशा में आगे कदम बढ़ाए जा सकते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को सुरक्षा बलों और रक्षा उपकरण बनाने वाली प्रयोगशालाओं में इस्तेमाल होने वाले ऐसे रेडियोएक्टिव, केमिकल और बायालोजिकल पदार्थों की भी जानकारी रखनी होगी, जिनका प्रयोग उद्योगों, अस्पतालों व निजी प्रयोगशालाओं में किया जाता है। ऐसे पदार्थों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
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वर्तमान में अपराधी हमेशा सुरक्षा एजेंसियों से होते हैं आगे
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित 49वीं आल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस (एआइपीएससी) के विभिन्न सत्रों के दौरान देश के 12 राज्यों और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के कुल 121 अधिकारियों ने वर्तमान परिदृश्य में पुलिस के सामने आ रही चुनौतियों और इनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की। माना गया कि वर्तमान परिदृश्य में इतनी तेजी से बदलाव हो रहा है कि अपराधी हमेशा सुरक्षा एजेंसियों से आगे होते हैं। इससे निपटने के लिए कार्य प्रणाली और उपलब्ध मानव संसाधन को प्रशिक्षित करना जरूरी है।
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ड्रग्स तस्करी से निपटने के उपाय
ड्रग्स की तस्करी से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय पर जोर दिया गया। आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के बीच संयुक्त नियोजन और प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई।
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आमजन को मिले आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम की व्यापक जानकारी
बैठक में आमजन को आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम के बारे में व्यापक जानकारी देने संबधी सुझाव भी आए। यह महसूस किया गया कि पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जा रही विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट के बारे में में आमजन को भी जानकारी दी जाए, ताकि वे भी अपराधियों के संबंध में जानकारी रख सकें।
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सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने पर भी चर्चा
साथ ही कार्मिकों को इन वेबसाइट व एप्लीकेशन को संचालित करने के बारे में पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित करने पर जोर दिया गया। वहीं पुलिस कर्मियों की सीमित संख्या को देखते हुए सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने पर भी बैठक में चर्चा की गई।

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