ख़बर रफ़्तार, ऋषिकेश: उत्तराखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स ऋषिकेश की कमान महिलाओं के हाथ में हैं। यहां निदेशक सहित डीन एकेडिमिक, प्रिसिंपल नर्सिंग काॅलेज व चीफ नर्सिंग ऑफिसर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं की तैनाती है। इसके साथ ही करीब एक दर्जन से अधिक विभागों के विभागाध्यक्ष पद पर भी महिलाएं काबिज हैं। महिलाओं के नेतृत्व में एम्स नित नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।
एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का सबसे बड़ा व विश्वसनीय चिकित्सा संस्थान होने के साथ ही देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शामिल हैं। यहां उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, हिमाचल, यूपी व हरियाणा के लिए लोग बड़ी संख्या में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पहुंचते हैं।
वर्तमान में एम्स की कमान महिलाओं के हाथ में हैं। यहां 7 जुलाई 2022 से कार्यकारी निदेशक के पद पर प्रो. (डाॅ.) मीनू सिंह तैनात हैं। इसके अलावा संस्थान के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण डीन एकेडमिक पद पर प्रो. जया चतुर्वेदी तैनात हैं। प्रो. चतुर्वेदी गायनी विभागाध्यक्ष भी हैं। एम्स के नर्सिंग काॅलेज के प्रधानाचार्य पद पर प्रो. स्मृति अरोड़ा तैनात हैं। एम्स के सबसे अधिक स्टाफ वाले नर्सिंग विभाग की जिम्मेदारी भी महिला के हाथ में हैं। यहां चीफ नर्सिंग ऑफिसर के पद पर रीटा शर्मा तैनात हैं। एम्स में 1500 से अधिक नर्सिंग स्टाफ है।

तहसील की कमान भी महिला अधिकारियों के हाथ में
तहसील ऋषिकेश की जिम्मेदारी भी महिला अधिकारियों के पास हैं। यहां एसडीएम के पद पर कुमकुम जोशी व तहसीलदार के पद पर सुशीला कोठियाल तैनात हैं। एसडीएम कुमकुम जोशी 2019 की पीसीएस अधिकारी हैं। ऋषिकेश से पहले वह एसडीएम जोशीमठ रह चुकी हैं।
– महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं कभी कमजोर नहीं रही हैं। हर युग में महिलाओं ने स्वयं को साबित किया है। कभी भी महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं रही हैं। महिलाएं निरंतर आगे बढ़ रही हैं। कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहां महिलाओं का प्रदर्शन कमजोर दिख रहा हो। – कुमकुम जोशी, एसडीएम ऋषिकेश

पिता की प्रेरणा से रेलवे में भर्ती हुई प्रतिभा, बनी दून की मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक
देहरादून रेलवे स्टेशन पर मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक के रूप में तैनात हुई पहली महिला अधिकारी प्रतिभा चौधरी घर और सरकारी नौकरी की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। वह बताती हैं कि उनके पिता बीएचईएल में नौकरी करते थे और उनकी प्रेरणा से ही वह पढ़ी। उस दौरान महिलाओं का नौकरी में प्रचलन ज्यादा नहीं था। लेकिन उनके परिवार ने उनका साथ दिया। 1996 में वह रेलवे में भर्ती हो गई। उनके पति भी सरकारी नौकरी में हैं। पिछले कई साल से वह देहरादून रेलवे स्टेशन पर पहली मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक के रूप में तैनात हुईं और पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ-साथ सरकारी जिम्मेदारी भी अच्छी तरह निभा रही हैं।

उत्तराखंड की पहली महिला बॉडी बिल्डर प्रतिभा को नवाजा
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच पर उत्तराखंड व देश का मान बढ़ाने वाली पहली महिला बॉडी बिल्डर प्रतिभा थपलियाल को ‘उत्तरांचल नारी शक्ति सम्मान’ से नवाजा गया। बृहस्पतिवार को उत्तरांचल विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान दिया गया। विवि की संचालक समिति की उपाध्यक्ष अनुराधा जोशी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। उन्होंने कहा, उत्तराखंड की बेटी प्रतिभा ने अपने हुनर से प्रदेश के साथ देश का नाम रोशन करने का काम किया है। प्रतिभा ने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना दम दिखाया है। वहीं विवि के कुलाधिपति जितेन्द्र जोशी ने घोषणा करते हुए कहा, प्रतिभा की प्रतियोगिताओं की तैयारी पर होने वाले व्यय का वहन विवि की ओर से किया जाएगा। प्रतिभा उत्तरांचल विवि की एमबीए की पूर्व छात्रा हैं।
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