
ख़बर रफ़्तार, मुंबई: दक्षिण मध्य रेलवे ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन’ कर दिया है। यह बदलाव आधिकारिक रूप से लागू हो गया है।

दक्षिण मध्य रेलवे ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए ‘औरंगाबाद रेलवे स्टेशन’ का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन’ कर दिया है। रेलवे ने बताया कि यह नाम परिवर्तन औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है और स्टेशन के सभी साइनबोर्ड, टिकट, घोषणाएं और डिजिटल सिस्टम में नया नाम अपडेट किया जा रहा है।
15 अक्तूबर को जारी हुआ था गजट नोटिफिकेशन
गौरतलब है कि भाजता नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने विगत 15 अक्तूबर को इसका नाम बदलने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। तीन साल पहले तत्कालीन सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया था। ये फैसला छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र और मराठा राज्य के दूसरे शासक छत्रपति संभाजी के सम्मान में लिया गया। औरंगाबाद का नाम पहले मुगल सम्राट औरंगजेब के नाम पर रखा गया था। इतिहासकारों के मुताबिक औरंगाबाद रेलवे स्टेशन 1900 में हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के शासनकाल में खोला गया था। छत्रपति संभाजीनगर एक पर्यटन केंद्र है और अजंता और एलोरा की गुफाओं सहित कई ऐतिहासिक स्मारकों से घिरा हुआ है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की इकाई- यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है।
गौरतलब है कि भाजता नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने विगत 15 अक्तूबर को इसका नाम बदलने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। तीन साल पहले तत्कालीन सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया था। ये फैसला छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र और मराठा राज्य के दूसरे शासक छत्रपति संभाजी के सम्मान में लिया गया। औरंगाबाद का नाम पहले मुगल सम्राट औरंगजेब के नाम पर रखा गया था। इतिहासकारों के मुताबिक औरंगाबाद रेलवे स्टेशन 1900 में हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के शासनकाल में खोला गया था। छत्रपति संभाजीनगर एक पर्यटन केंद्र है और अजंता और एलोरा की गुफाओं सहित कई ऐतिहासिक स्मारकों से घिरा हुआ है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की इकाई- यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है।

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