
ख़बर रफ़्तार, देहरादून: आल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रदेश अध्यक्ष व नाएब शहर काजी (अहले सुन्नत) सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने उत्तर प्रदेश में मदरसों पर हो कार्रवाई को न्यायोचित नहीं बताया है।
कहा कि मदरसे धार्मिक शिक्षा के केंद्र हैं, यहां से पढ़कर निकलने वाले उलेमाओं ने देश को आजाद कराने में खास भूमिका निभाई। उन्होंने मदरसा संचालकों व प्रबंधकों को सुझाव देते हुए कहा कि मदरसे के तमाम दस्तावेज दुरुस्त रखें। यदि कोई अधिकारी मदरसे में आता है तो उस का स्वागत करें। जांच पड़ताल में सहयोग करें।
शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि 506 मदरसों को छोड़ अन्य हजारों मदरसे मुस्लिम कौम के आपसी चंदे से चलते हैं। इनके संचालन व पढ़ाई में सरकार की मदद नहीं मिलती। ऐसे में उत्तर प्रदेश में मदरसों को बंद करने का आदेश उचित नहीं है।
भारत नेपाल सीमा पर सटे विभिन्न जिलों में स्थापित मदरसे 30 वर्ष पुराने हैं। जब यह बन रहे थे तो इन पर सरकार ने उस वक्त रोक नहीं लगाई। जहां तक मदरसों को टेरर फंडिंग की बात है तो यह ज़रूर चिंताजनक है, इस विषय पर किसी से समझौता नहीं किया जा सकता।
नेपाल सीमा पर सटे जिन मदरसों की टेरर फंडिंग में लिप्त होने की बात कही जा रही है, सरकार को सुबूत के आधार पर इन पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही इस तरह धन का उपयोग करने वालों पर भी कार्रवाई जानी चाहिए। हालांकि अभी तक जांच रिपोर्ट में किसी भी मदरसे के नाम का पर्दाफाश नहीं किया गया है। ऐसे में तमाम मदरसों को बदनाम किया जा रहा है।
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