उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पर सुझाव देने की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 22 अक्टूबर तक दे सकते हैं आप राय

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खबर रफ़्तार,देहरादून:समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने आम जन से सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ा दी है। अब 22 अक्टूबर तक सुझाव दिए जा सकेंगे। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति अभी तक दिल्ली और देहरादून में बैठकें कर चुकी है। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विभिन्न नीतियों के अलावा दूसरे देशों व गोवा में बनाई गई नीति का अध्ययन किया गया। समिति ने इसके लिए जनता से भी सुझाव आमंत्रित किए हैं। गत आठ सितंबर को समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) ने आमजन से समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से वेब पोर्टल लांच किया गया था। साथ ही ईमेल के जरिये भी सुझाव आमंत्रित किए गए।

वेब पोर्टल, ई-मेल के साथ कार्यालय में दिए जा सकते हैं सुझाव

समिति ने आम जनता से सुझाव लेने की अंतिम तिथि सात अक्टूबर तय की थी। शुक्रवार को अंतिम दिन था। अब समिति ने सुझाव लेने की तिथि 22 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। आमजन अपने सुझाव समिति के वेब पोर्टल पर भेज सकते हैं। ई-मेल और लिखित रूप में भी सुझाव उपलब्ध कराने की सुविधा है। इसके लिए देहरादून और दिल्ली में कार्यालय खोले गए हैं। सूत्रों के अनुसार समिति को अब तक तकरीबन तीन हजार सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। दरअसल, समिति इस मामले में अधिकाधिक संख्या में आम जन से सुझाव प्राप्त करना चाहती है। इन सुझावों का गहन अध्ययन व परीक्षण भी किया जा रहा है, ताकि समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट को व्यापक जन भागीदारी के आधार पर अंतिम रूप दिया जा सके।

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