- आमने- सामने आई विधायक रुद्रपुर और मेयर की लड़ाई
- नगर निगम में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में बुलावा न होने पर भड़के रुद्रपुर विधायक
कंचन वर्मा, रुद्रपुर : भाजपा में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। इसी का एक हिस्सा सोमवार को नगर निगम सभागार में आयोजित पर्यावरण मित्रों के स्वास्थ्य शिविर से जुड़ गया। मेयर रामपाल सिंह की ओर से मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट के साथ ही कई छुटभैया नेताओं को तो बुलावा दिया गया, लेकिन विधायक को निमंत्रण देने से मेयर साहब ‘ चूक ‘ गए।
इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा। कार्यक्रम से 1 दिन पहले रुद्रपुर पहुंचे अजय भट्ट के सामने विधायक की पीड़ा सामने आ गई। कार्यक्रम की चर्चा शुरू हुई तो विधायक शिव अरोरा ने यहां तक कह दिया कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है और अब बहुत हुआ, रायता फैलाना ही पड़ेगा।
विधायक की नाराजगी जायज थी तो अजय भट्ट ने भी मेयर से बात करने में देर नहीं लगाई। यहां तक कह डाला कि अगर क्षेत्रीय विधायक ही नहीं आएंगे तो उन्हें क्यों बुलाया गया। उन्होंने फोन मिलाकर विधायक को आमंत्रित करने के लिए कहा। मौके पर मौजूद सूत्रों के अनुसार मेयर का पहली बार फोन विधायक ने नाराजगी के चलते नहीं उठाया।
दोबारा में उनके पीए आलोक ने फोन रिसीव किया, तब मेयर से उनकी बात हुई। विधायक ने साफ नाराजगी जता दी… कह दिया कि मेयर साहब ऐसे तो नहीं चलेगा। यह भी कहा कि अगर सरकारी कार्यक्रम है तो किस अधिकारी ने ऐसा किया, उसको सस्पेंड करा देंगे। हालांकि मेयर रामपाल सिंह सफाई देते नजर आए और यह भी कहा कि उनका इसके पीछे कोई उद्देश्य नहीं था।
वहीं नगर आयुक्त विशाल मिश्रा इस मामले में चुप्पी साधे रहे और इतना भर कहा कि यह तो नगर निगम का कार्यक्रम था। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब आप केंद्रीय राज्य मंत्री को आमंत्रित कर रहे हैं जो इस जिले से सांसद भी हैं, इसके साथ ही छूटभैया नेताओं तक को निमंत्रण दिया जा रहा है तो फिर क्षेत्रीय विधायक से परहेज क्यों?
वहीं विधायक की उपेक्षा कार्यक्रम में भी साफ दिखाई दी। यहां लगे फ्लेक्स में भी विधायक का नाम सिरे से गायब था। कार्यक्रम में विधायक के चेहरे पर भी नाराजगी साफ नजर आ रही थी। यही कारण था कि उन्होंने अपने संबोधन में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मेयर का नाम अन्य नामों के काफी बाद लिया। जब विधायक शिव अरोरा से पत्रकारों ने यह सवाल पूछा तो वह हमेशा की तरह चिर परिचित अंदाज में मुस्कुराकर शांत हो गए। वही इस कार्यक्रम में विधायक को न बुलाया जाना चर्चा का विषय बना रहा और लोग यह कहते दिखे कि भाजपा में दो गुट तैयार हो गए हैं और एक दूसरे को नीचा दिखाने का काम किया जा रहा है। खैर जो भी हो पर अनुशासन का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी में यह गुटबाजी कितना असर दिखाएगी यह तो वक्त ही बताएगा।
क्रमश :