ख़बर रफ़्तार, कानपुर: परिवार न्यायालय में पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर पति ने उससे तलाक ले लिया। दोनों की मुलाकात छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुई थी। मुलाकातें प्यार में बदलीं और फिर दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया। इसके बाद पति ने पत्नी को बीएड कराया, कुछ समय बाद पत्नी सरकारी टीचर बन गई तो पति से मुंह फेर लिया। जिसके बाद उनके वैवाहिक संबंध बिखर गए।
बर्रा विश्वबैंक बी ब्लॉक निवासी शिवांशु अवस्थी ने बताया कि सर्वोदय नगर आरएसपुरम निवासी महिला से यूनिवर्सिटी में पढ़ाई उनकी मुलाकात हुई थी, जहां दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गए। उन्होंने 21 फरवरी को प्रेम विवाह कर लिया।
बताया कि वर्ष 2009-10 में उन्होंने पत्नी को बीएड कराया। शादी के बाद उनके दो बेटे हुए। बताया कि पत्नी की घरेलू कार्यों में कोई रुचि नहीं थी, जिस कारण अक्सर विवाद होता था। वर्ष 2012 में वे लोग घर से अलग रहने लगे। 2015 में पत्नी का चयन सरकारी टीचर के रूप में हो गया, तो पत्नी छोटे बेटे को साथ लेकर वहां रहने चली गई और उसे बेरोजगार होने का ताना देते हुए मिलने से मना कर दिया।
वर्ष 2018 में पत्नी पिता व भाई के साथ उसे बंधक बनाया और बंदूक के दम पर दहेज मांगने संबंधी फर्जी बातें लिखवाकर उसके हस्ताक्षर करा लिए। 23 अगस्त 2018 को पत्नी बड़े बेटे को साथ ले जाने लगी, असफल होने पर उसके परिवार के खिलाफ फर्जी मुकदमें दर्ज कराए। प्रताड़ना से तंग आकर पति ने अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय शगुन पंवार की कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की। अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने बताया कि कोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली।
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