देहरादून से महज 86 किमी दूर प्रकृति से होता है सीधा साक्षात्कार, झरने व शांत वातावरण देते हैं सुकून; चले आइए

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खबर रफ़्तार, देहरादून: मैदानी क्षेत्रों में बढ़ती गर्मी से परेशान पर्यटक ठंडी हवाओं का आनंद लेने पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में देहरादून से महज 86 किमी दूर स्थित हिल स्‍टेशन प्रकृति से सीधा साक्षात्‍कार करवाता है। यहां पर अनेक झरने, बुग्याल, प्राकृतिक गुफाएं, शांत वातावरण पर्यटक को अपनी और आकर्षित करते हैं।

जी हां, हम बात कर रहे हैं जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के चकराता क्षेत्र की। जहां के ठंडे मौसम और प्राकृतिक नजारे का आनंद लेने के लिए भारी संख्‍या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। चकराता में बहुत से पर्यटन स्थल हैं जहां पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है।

चकराता में कहां घूमें?

  • टाइगर फाल,
  • देववन,
  • खडंबा,
  • मुंडाली,
  • कोटी कनासर,
  • मोइला टाप,
  • बुधेर गुफा,
  • चिंता हरण महादेव,
  • सनराइज प्वाइंट,
  • चिरमिरी टाप,

रहने को होटल, रिसार्ट व होम स्टे की सुविधा

यहां पर रहने के लिए कई सारे होम स्टे, रिसार्ट व होटल उपलब्ध हैं। यहां के होमस्टे रिजॉर्ट में पारंपरिक व्यंजन भी पर्यटकों को परोसे जाते हैं। अन्य टूरिस्ट एक्टिविटी भी कराई जाती है, जिसमें घुड़सवारी, ट्रैकिंग, बोनफायर एक्टिविटी भी है।

कैसे पहुंचे चकराता?

  • यह स्थल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 86 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
  • देहरादून से आप मसूरी-नागथात और विकासनगर-कालसी होकर बस, टैक्सी या अन्य छोटे वाहनों से चकराता पहुंच सकते हैं।
  • जौलीग्रांट (देहरादून) चकराता से 113 किमी. की दूरी पर स्थित निकटतम हवाई अड्डा है।
  • निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून है।

वीकेंड पर चकराता उमड़े सैलानी

शनिवार दोपहर को चकराता में भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे। जिससे बाजारों और आसपास के पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ गई। पर्यटक पहुंचने पर स्थानीय कारोबारियों के भी चेहरे खिल उठे। पर्यटकों की आमाद से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। होमस्टे, रिजार्ट, होटल, रेस्टोरेंट, लोकल उत्पाद बेचने वालों को लाभ हो रहा है।

पर्यटकों ने पर्वतीय टोपी, ऊनी वस्त्र, स्थानीय फल, राजमा, चावल आदि की खरीदारी की। पर्यटकों की आमद बढ़ृने से होटल व रिसार्ट 90 प्रतिशत फुल हो गए हैं। पर्यटक मंडुवे व मक्का की रोटी, छाछ, मक्खन के साथ राजमा, उल्वे, पत्तौड़ आदि काफी पसंद कर रहे हैं। होमस्टे में रहकर पहाड़ी जीवन शैली का अनुभव ले रहे हैं।

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