भारतीय सेना को मिली 331 युवा अफसरों टोली, कड़ा प्रशिक्षण लेकर देश सेवा में होंगे तैनात

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खबर रफ़्तार, देहरादून : देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगाहबानी को तैयार हैं। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आज होने वाली पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना को 331 युवा अफसरों की टोली मिल गई है। इसके अलावा सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी आइएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बने हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली।

भारतीय सैन्य अकादमी के एतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह परेड हुई। 6 बजकर 47 मिनट एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। परेड कमांडर मेहर बनर्जी ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली।

कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। परेड के बाद आयोजित होने वाली पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 373 जेंटलमैन कैडेट देश-विदेश की सेना में बतौर अफसर शामिल हो गए। इनमें 331 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले।

भूटान के 19, तजाकिस्तान के 17, श्रीलंका के दो और मालदीव, सुडान, सेशेल्स व वियतमान का एक-एक कैडेट भी पासआउट हुए। कुल मिलाकर शनिवार को सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 64 हजार 862 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया इनमें मित्र देशों को 2885 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। पासिंग आउट परेड के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी।

इन्हें मिला अवार्ड

  • स्वार्ड आफ आनर- मेहर बनर्जी
  • स्वर्ण पदक – अभिमन्यु सिंह
  • रजत पदक- मेहर बनर्जी
  • रजत पदक टीजी – सूर्यभान सिंह
  • कांस्य पदक – कमलप्रीत सिंह
  • चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर-कैसिनो कंपनी
  • सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट- किंगा लहेंडूप भूटान

किस राज्य से कितने कैडेट

  • उत्तर प्रदेश- 63
  • बिहार- 33
  • हरियाणा -32
  • महाराष्ट्र-26
  • उत्तराखंड -25
  • पंजाब-23
  • हिमाचल प्रदेश-17
  • राजस्थान -19
  • मध्यप्रदेश-19
  • दिल्ली-12
  • कर्नाटक-11
  • झारखंड-08
  • तमिलनाडु-08
  • जम्मू-कश्मीर-06
  • छत्तीसगढ़-05
  • केरल-05
  • तेलंगाना-03
  • पश्चिम बंगाल-03
  • गुजरात-02
  • नेपाली मूल के भारतीय कैडेट -02 (त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, ओडिशा व पांडिचेरी से एक-एक कैडेट हैं)

पासिंग आउट परेड से घोड़ा-बग्घी की विदाई

भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में अब घोड़ा-बग्घी नहीं दिखाई देगी। बता दें, अभी तक निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्घी (पटियाला कोच) में परेड मैदान में पहुंचते थे। पटियाला के पूर्व महाराज ने यह बग्घी 1969 में आइएमए को भेंट की थी।

पटियाला कोच (घोड़ा-बग्गी) के अलावा आइएमए में जयपुर के पूर्व महाराज की ओर से उपहार स्वरूप दी गई जयपुर कोच, विक्टोरिया कोच व कमान्डेंट्स फ्लैग कोच भी चलन में रही है।

दरअसल, भारतीय सेना ने औपनिवेशिक या पुरानी प्रथाओं जैसे बग्घी, पाइप बैैंड आदि को समाप्त कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के आदेश के तहत इस बार आइएमए पासिंग आउट परेड से भी घोड़ा-बग्घी की विदाई हो गई है।

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