भारत-मॉरीशस संबंधों को नई मजबूती: पीएम ने दी गांधी को श्रद्धांजलि, राष्ट्रपति से चर्चा

खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: बीते नौ सितंबर को भारत दौरे पर पहुंचे मॉरीशस के प्रधानमंत्री बीते लगभग एक हफ्ते में कई जगहों का दौरा कर मंगलवार को दिल्ली लौटे। दिल्ली आने के बाद उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

भारत दौरे पर आए मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को दिल्ली में राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने भारत और मॉरीशस के संबंधों को मजबूत करने पर बात की।

बीते नौ सितंबर को भारत दौरे पर पहुंचे मॉरीशस के प्रधानमंत्री बीते लगभग एक हफ्ते में कई जगहों का दौरा कर मंगलवार को दिल्ली लौटे। दिल्ली आने के बाद उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रामगुलाम ने राजघाट में आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए।

इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच संबंध अद्वितीय हैं और हमारे साझा इतिहास, भाषा, संस्कृति और मूल्यों पर आधारित हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री रामगुलाम के व्यापक नेतृत्व अनुभव से भारत-मॉरीशस के दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंध आने वाले समय में और भी मज़बूत होंगे।

ब्रह्मर्षि आश्रम कार्यक्रम में शामिल हुए
दिल्ली पहुंचने से पहले मॉरीशस के पीएम आंध्र प्रदेश के तिरुपति में तिरुमाला मंदिर के दर्शन किए। वे ब्रह्मऋषि आश्रम के कार्यक्रम में भी शामिल हुए। आश्रम के सिद्ध गुरु सिद्धेश्वर ब्रह्मास्मि गुरुदेव स्वामी ने उन्हें राष्ट्रपिता जैसा बताया। उनकी सादगी और नेतृत्व की सराहना करते हुए सिद्ध गुरु ने कहा, मॉरीशस में यह संस्था 1,000 मिलियन डॉलर का निवेश कर शिक्षा व विकास में योगदान करेगी। स्वामी ने कहा कि रामगुलाम मॉरीशस के संस्थापक हैं, जिन्हें राष्ट्रपिता की तरह सम्मान दिया जा सकता है। उन्होंने उनकी सादगी और नम्रता की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी का आगमन सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री रामगुलाम ने इसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक जुड़ाव बताते हुए कहा कि वे लंबे समय से इस यात्रा का इंतजार कर रहे थे।

स्वागत समारोह में पीएम रामगुलाम ने अपनी यात्रा के महत्व और स्वामी के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बताया। रामगुलाम ने कहा कि बीते साल सितंबर में चार लोग मेरे घर आए थे। मैंने उन्हें संसद सत्र के दौरान देखा था। कुछ लोगों ने कहा कि स्वामी भारत से आए हैं और मुझे उनसे मिलना चाहिए और यह महत्वपूर्ण है। यहां का पूरा हिंदू समुदाय उन्हें जानता है। मैंने उनसे कहा था कि मैं भी धर्म और प्रार्थना के लिए दूसरों की तरह कतार में लगूंगा। मैं भारत जाऊंगा। अब मैं यहां हूं।

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