भारत चीन संघर्ष:अरुणाचल प्रदेश के तवांग मामले पर संसद में हंगामा, 17 विपक्षी दलों ने राज्यसभा से किया वॉकआउट

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खबर रफ़्तार ,नई दिल्ली:अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर सरकार पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाते हुए 17 विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, एमडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भाकपा, जनता दल-यूनाइटेड, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी उन 17 पार्टियों में शामिल थीं, जो शून्य काल के दौरान सदन से बाहर चली गईं।

 

  • मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलाई थी बैठक

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। बैठक में डीएमके, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू समेत करीब 15 दलों के नेता मौजूद रहे। बैठक में भारत-चीन विवाद और अन्य मुद्दों पर संयुक्त रणनीति बनाने के लिए खड़गे के कक्ष में विपक्षी नेताओं की ये अहम बैठक हुई।

  • विपक्ष ने बनाई रणनीति

बैठक में भाग लेने वाले एक नेता ने बताया था कि, “आज की बैठक में कुल 17 पार्टियों ने भाग लिया और चर्चा के लिए इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया, अगर अनुमति नहीं दी गई तो ये तय किया गया है कि पार्टियां सदन से बाहर चले जाएंगी।” उन्होंने कहा कि,” विपक्ष ने ये भी निर्णय लिया है कि अगर चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है, तो वो सदन का बहिष्कार करेंगे।”

 

  • रक्षा मंत्री ने सदन में दी जानकारी

मंगलवार को संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा थी कि, चीनी सेना ने तवांग सेक्टर में घुसपैठ के जरिए यथास्थिति बदलने की कोशिश की, इसका भारतीय जवानों ने करारा जवाब देते हुए उन्हें वापस खदेड़ दिया। उन्होंने कहा था कि इस झड़प में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं, लेकिन किसी भी भारतीय जवान को कोई गंभीर चोट नहीं लगी और ना ही किसी की शहादत हुई है।

  • जारी है सियासत

मंगलवार को ही सदन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन के आक्रमक रवैये को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि सरकार कि सरकार मूकदर्शक बनकर रह गई है। उसकी तरफ से लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी की जा रही है। खड़गे ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया था कि चीन ने डेपसांग वाले इलाके में भी घुसपैठ करने की कोशिश की थी।

 

 

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