चिलचिलाती गर्मी में इंसानों के साथ बेजुबान हो रहे हलकान, डायरिया और संक्रमण के हो रहे शिकार
ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी: गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. भीषण गर्मी में लोग घरों से बाहर निकले से कतरा रहे हैं. वहीं गर्मी की तपिश से बचने के लिए लोग जूस, कूल ड्रिंक्स और शेक का सहारा ले रहे हैं. वहीं गन्ना जूस सहित तमाम तरह के फलों के जूस की दुकानों पर लोगों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की सेहत पर भी गर्मी का असर पड़ रहा है. आलम ये है कि कुत्ते, बिल्लियां और अन्य छोटे जानवरों में उल्टी और दस्त की शिकायतों के मामले बढ़ गए हैं.
भीषण गर्मी से बेजुबान हलकान: पशु चिकित्सा डॉक्टर आरके पाठक ने बताया कि राजकीय पशु चिकित्सालय में रोजाना कुत्तों में उल्टी-दस्त के 20 से 30 मामले सामने आ रहे हैं. गर्मी के मौसम में कुत्तों में गैस्ट्रोएंटराइटिस की दिक्कत होती है. इस बीमारी में पशुओं में उल्टी-दस्त और डायरिया के साथ-साथ आंत में संक्रमण होता है. बड़े जानवरों को इस बीमारी से ज्यादा खतरा नहीं होता, लेकिन इलाज नहीं मिलने पर छोटे जानवरों की जान जा सकती है. उन्होंने कहा कि समय पर इलाज नहीं मिलने से कुत्तों में काफी कमजोरी हो जाती है.
कुत्तों को चढ़ाई जा रही इलेक्ट्रोलाइट्स ड्रिप: आरके पाठक ने बताया कि गंभीर हालत में इलाज के लिए आने वाले कुत्तों को इलेक्ट्रोलाइट्स ड्रिप चढ़ानी पड़ रही है. गर्मी को देखते हुए पशुपालकों को बीमार पशुओं की अधिक देखभाल करने और सामान्य भोजन खिलाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लक्षण वाले कुत्तों से सावधानी बरतने की जरूरत होती है. विशेषकर घर में छोटे बच्चों को इस तरह की बीमारी के लक्षण वाले कुत्ते से दूर रखना ही बेहतर है.
मौसम परिवर्तन के साथ-साथ कुत्तों में बदलती हैं बीमारियां: मौसम परिवर्तन के साथ-साथ कुत्तों में बीमारियों के लक्षण भी बदल जाते हैं. जिनका समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी होता है. यह बीमारी इंसानी शरीर में प्रवेश कर जानलेवा साबित हो जाती है. उन्होंने बताया कि पशुओं को भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं और घरेलू बासी भोजन पशुओं को नहीं दें. इसके अलावा उनके खाना और चारे पर विशेष ध्यान दें.
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