खबर रफ़्तार, लखनऊ: बुधवार की शाम से लेकर देर रात तक प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी और बारिश का प्रभाव रहा। मौसम के इस बदलाव से पूरे प्रदेश में 19 लोगों की जान चली गईं।
पूरे प्रदेश में बुधवार को बिगड़े मौसम ने कई लोगों की जान ले ली। कई लोग आंधी में पेड़ गिरने या टिन शेड की वजह से घायल हो गए। पश्चिम यूपी में सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली से सटे जिलों में रहा। आंधी-बारिश से जहां तापमान में गिरावट दर्ज की गई तो वहीं आम की फसल को नुकसान होने का अनुमान है।
आंधी-बारिश से गोरखपुर मंडल में तीन की मौत
आंधी-बारिश के दौरान बुधवार की सुबह गोरखपुर मंडल में तीन लोगों की मौत हो गई। गोरखपुर के एम्स थानाक्षेत्र में वज्रपात से एक युवक की मौत हो गई जबकि उसकी मां गंभीर रूप से झुलस गई। वहीं, कुशीनगर में बाग में पेड़ गिरने से एक किशोर और झोपड़ी से दबकर एक महिला की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के एम्स इलाके के रजही में बुधवार की सुबह जंगल रामगढ़ उर्फ रजही शिवमंदिर टोला निवासी मुन्नीलाल मौर्या की पत्नी कैलाशी देवी (48) बेटे धीरज (19) के साथ भिंडी के खेत में सब्जियां तोड़ने गईं थी। इसी दौरान बिजली गिरने से दोनों झुलस गए। परिजनों ने दोनों को एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया, जहां धीरज की मौत हो गई। कैलाशी देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, कुशीनगर के कसया क्षेत्र के डुमरी चुरामन छपरा गांव के बागीचे में बच्चे आम बीनने गए थे। इसी बीच बारिश शुरू हो गई। आम का एक पेड़ गिर जाने से गांव का कृष्णा (14) और उसकी बहन ममता दब गईं। दोनों को कसया सीएचसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने कृष्णा को मृत घोषित कर दिया।
उधर, रामकोला क्षेत्र के विजयपुर गांव निवासी रमाकांत कुशवाहा की पत्नी मानती (46) बुधवार को खेत में निराई कर रहीं थीं। इस दौरान शुरू हुई बारिश से बचने के लिए पास की एक झोपड़ी में चली गई जहां चार महिलाएं और छिपीं थीं। मानती झोपड़ी में लगा बांस पकड़कर खड़ी थीं जबकि अन्य महिलाएं वहां रखे तख्त के नीचे छिपी थीं। अचानक हवा के तेज झोंके से झोपड़ी के साथ मानती देवी भी उड़कर दूर जा गिरीं। तख्त के नीचे छिपी महिलाओं के शोर मचाने पर आसपास के लोग पहुंचे और मानती को झोपड़ी से बाहर निकाला तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
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