भारत का नया मुकाम हासिल; रैंकिंग में 54 संस्थान शुमार; शिक्षा मंत्री ने बताया ‘शैक्षिक क्रांति का परिणाम’

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खबर रफ़्तार, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 : क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भारत ने नया मुकाम हासिल किया है। इस बार 54 भारतीय संस्थानों को वैश्विक सूची में स्थान मिला है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में इस बार 54 भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) ने जगह बनाई है। यह अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसकी जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को दी।

उन्होंने कहा कि 2014 में जहां केवल 11 भारतीय विश्वविद्यालय इस वैश्विक सूची में शामिल थे, वहीं आज यह संख्या पांच गुना बढ़कर 54 हो गई है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में लागू की गई शिक्षा सुधार नीतियों और नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 का नतीजा बताया।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा, “क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में रिकॉर्ड 54 संस्थानों की भागीदारी भारत की शिक्षा प्रणाली में आए परिवर्तन और प्रगति का प्रमाण है। यह सिर्फ बदलाव नहीं, बल्कि एक शैक्षिक क्रांति है।”

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उन्होंने यह भी कहा कि, “भारत अब G20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती शिक्षा प्रणाली है और अमेरिका, यूके और चीन के बाद चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बन चुका है।”

IIT दिल्ली बनी भारत की टॉप यूनिवर्सिटी

इस साल की रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली को 123वां स्थान मिला है, जो भारत का सर्वोच्च स्थान है। इसके अलावा कई अन्य IITs और प्रमुख विश्वविद्यालयों ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
कौन करता है यह रैंकिंग?
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का प्रकाशन लंदन स्थित वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषण फर्म Quacquarelli Symonds (QS) द्वारा किया जाता है। यह रैंकिंग कई मानकों (जैसे- अकादमिक प्रतिष्ठा, फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, शोध प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय छात्रों की उपस्थिति और स्नातकों की रोजगार क्षमता) पर आधारित होती है।

भारत बना चौथा सबसे बड़ा प्रतिनिधि देश

इस साल भारत से 8 नए संस्थानों को पहली बार रैंकिंग में शामिल किया गया है, जिससे कुल संख्या 54 तक पहुंची है। अब भारत इस सूची में अमेरिका (192), यूके (90), और चीन (72) के बाद चौथा सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व वाला देश बन चुका है।

किसी भी अन्य देश ने इस साल QS रैंकिंग में इतनी अधिक संख्या में संस्थानों को शामिल नहीं किया है। जॉर्डन और अज़रबैजान क्रमशः छह-छह नए संस्थानों के साथ भारत के बाद दूसरे स्थान पर हैं।

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