NCB सम्मेलन में गृहमंत्री बोले – युवा ही राष्ट्र की नींव हैं, उन्हें नशे से बचाना अनिवार्य

खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश से ड्रग्स के खतरे को मिटाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने एएनटीएफ प्रमुखों के सम्मेलन में कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को नशे से बचाना जरूरी है। शाह ने ड्रग्स के तीन स्तर के कार्टेल पर कड़ा प्रहार करने, विदेशी तस्करों को प्रत्यर्पित करने और जब्त ड्रग्स को नष्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश से ड्रग्स के खतरे को पूरी तरह मिटाने के लिए दृढ़ संकल्पित है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का आयोजन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने किया।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित और महान राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस सपने को पूरा करने के लिए देश का सुरक्षित होना जरूरी है और सुरक्षा तभी संभव है जब युवा पीढ़ी को ड्रग्स के खतरे से बचाया जाए। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र की नींव होते हैं और यदि वे नशे की चपेट में आ जाएंगे तो देश कमजोर हो जाएगा।

ड्रग्स के खिलाफ कड़ा अभियान जरूरी
गृह मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई का पैमाना बड़ा किया जाए ताकि आने वाले दिनों में ज्यादा सफलता मिले। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में यह देखा गया है कि किसी राष्ट्र की प्रगति और ड्रग्स की चुनौती का सीधा संबंध है। दुर्भाग्य से, जिन दो क्षेत्रों से पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा ड्रग्स की सप्लाई होती है, वे भारत के नजदीक हैं। इसलिए यह समय है कि हम इस खतरे के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ें।
ड्रग्स के तीन तरह के कार्टेल
शाह ने कहा कि ड्रग्स के कारोबार में तीन तरह के कार्टेल सक्रिय हैं। पहला, वे कार्टेल जो देश के एंट्री पॉइंट्स पर काम करते हैं। दूसरा, वे जो एंट्री पॉइंट से राज्यों तक सप्लाई नेटवर्क संभालते हैं। तीसरा, वे छोटे स्तर के कार्टेल जो पान की दुकानों और मोहल्लों तक ड्रग्स बेचने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इन तीनों स्तरों पर सख्त प्रहार करना होगा और यह तभी संभव है जब अधिकारी इसे अपनी लड़ाई समझकर आगे बढ़ें।

विदेशी तस्करों पर कार्रवाई
गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स कारोबार में शामिल विदेश में बैठे अपराधियों को कानून के दायरे में लाना अब बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने इस दिशा में अच्छा काम किया है। शाह ने सभी ANTF प्रमुखों से अपील की कि वे सीबीआई से समन्वय कर प्रत्यर्पण की एक मजबूत व्यवस्था बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जो अपराधी जेलों में बंद हैं लेकिन वहीं से कारोबार चला रहे हैं, उनके खिलाफ भी कड़ा कदम उठाना होगा। गृह मंत्रालय इस पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लाने जा रहा है।

जब्त ड्रग्स का नष्टिकरण
शाह ने देशभर में जब्त की गई 4,794 करोड़ रुपये की ड्रग्स को नष्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू की। उन्होंने कहा कि एनसीबी जीएसटी विभाग, राज्य ड्रग्स नियंत्रकों, आयकर विभाग और वित्तीय संस्थानों से लगातार समन्वय कर रही है ताकि ड्रग्स नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने लाई जा सके। उन्होंने इस लड़ाई को केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे समाज की लड़ाई बताया।

युवा पीढ़ी ही सबसे बड़ी ताकत
शाह ने कहा कि पीएम मोदी का विजन है कि 2047 तक भारत हर क्षेत्र में दुनिया का नंबर एक राष्ट्र बने। इसके लिए युवा पीढ़ी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि अगर युवा दृढ़ संकल्पित हों तो कुछ भी असंभव नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी आने वाली पीढ़ियां नशे की दलदल में न फंसें।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश से ड्रग्स के खतरे को मिटाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने एएनटीएफ प्रमुखों के सम्मेलन में कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को नशे से बचाना जरूरी है। शाह ने ड्रग्स के तीन स्तर के कार्टेल पर कड़ा प्रहार करने, विदेशी तस्करों को प्रत्यर्पित करने और जब्त ड्रग्स को नष्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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