Haryana: लाड़ो लक्ष्मी योजना; 5.22 लाख महिलाओं को पहली किस्त जारी, सीएम ने किया शुभारंभ

ख़बर रफ़्तार, चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लाडो लक्ष्मी योजना की पहली किस्त आज महिलाओं के खाते में जारी की। हरियाणा सरकार ने 25 सितंबर को इस योजना का एप लॉन्च किया था। पहले चरण में तीन शर्त पूरी करने वाली महिलाओं को इस योजना में शामिल किया गया है।

दीन दयाल लाडो लक्ष्मी की 21 सौ रुपये की पहली किस्त शनिवार को हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य पर जारी हो गई। सीएम ने बटन दबाकर दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 5 लाख 22 हजार 162 पात्र बहन-बेटियों के खातों में 2100 रुपये की आर्थिक सहायता राशि जारी की। साथ ही सीएम ने पूरे प्रदेश में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली का शुभारंभ भी किया।

हरियाणा सरकार ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में शनिवार को भी लाडो लक्ष्मी योजना का कैंप आयोजित करें और पात्र महिलाओं से आवेदन करवाएं। इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन जारी रहेगा। इसमें बाकी पात्र महिलाओं को अगले महीने योजना का लाभ दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले लाडो लक्ष्मी योजना का एलान किया था। हरियाणा सरकार ने 25 सितंबर को इस योजना का एप लॉन्च किया था। पहले चरण में तीन शर्त पूरी करने वाली महिलाओं को इस योजना में शामिल किया गया है।

शर्तों के मुताबिक परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये होनी चाहिए। आयु 23 साल या उससे अधिक और अविवाहित महिला या विवाहित आवेदिका का पति 15 साल से हरियाणा का मूल निवासी की शर्त पूरी करता हो। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र एक परिवार में महिलाओं की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

दूसरे चरण में एक लाख 40 हजार महिलाओं को मिलेगा लाभ
लाडो लक्ष्मी योजना विभिन्न चरणों में लागू होगी। दूसरे चरण में एक लाख 40 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों को योजना में शामिल किया जाएगा। तीसरे चरण में एक लाख 80 हजार और चौथे चरण में तीन लाख तक परिवारों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
हरियाणा सरकार दूसरे चरण की घोषणा 2026 के बजट में कर सकती है। हालांकि भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले सभी महिलाओं को 2100 रुपये देने का एलान किया था।
झारखंड में महिलाओं को मिलते हैं सबसे ज्यादा रुपये
महिलाओं व बहनों को वित्तीय सहायता देने के मामले में झारखंड हरियाणा से आगे निकल गया है। झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना के तहत लड़कियों व महिलाओं को हर महीने ढाई हजार रुपये जाते हैं।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई योजना का लाभ 18 से 50 साल की महिलाओं को दिया जाता है। करीब 55 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। इसके लिए झारखंड सरकार ने करीब 16 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा हुआ है।
महिला बन 1000 से अधिक पुरुषों ने भी कर दिया आवेदन
लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए कुछ लोगों ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की मगर एप के फीचर ने उन्हें पकड़ लिया और उनका आवेदन निरस्त कर दिया। सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण और अंत्योदय विभाग (सेवा विभाग) के मुताबिक एक हजार से ज्यादा पुरुषों ने महिला बनकर लाडो लक्ष्मी योजना के लाभार्थी बनने का प्रयास किया।
ऐसे लोगों को आधार सत्यापन और लाइव फोटो अपडेशन के दौरान पकड़ा गया। इसके बाद विभाग और सक्रिय हो गया और बारीकी से सभी आवेदनों की जांच की जा रही है।
लाडो लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन 25 सितंबर से शुरू हुए थे। इस योजना के आवेदन एप से ही भरे जाने थे। इस दौरान एक हजार से ज्यादा पुरुषों ने आधार कार्ड में हेराफेरी कर महिलाओं के नाम से एप में आवेदन किया। आवेदन की प्रकिया के आखिरी चरण में लाइव फोटो अपलोड करने का फीचर दिया गया है।
बिना इसके आवेदन पूरा नहीं हो सकता। इन लोगों ने लाइव फोटो भी अपलोड किया मगर आधार कार्ड के फोटो और लाइव फोटो के सत्यापन में इनकी हेराफेरी पकड़ी गई। इसके अलावा करीब डेढ़ हजार महिलाओं के खाते अपडेट नहीं होने से उन्हें पहली किस्त नहीं मिल पाएगी।
हरियाणा ने महाराष्ट्र से लिया सबक
हरियाणा सरकार ने इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए महाराष्ट्र से सबक लिया था। महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री लाडकी बहना योजना में करीब 13 हजार पुरुषों ने महिला बनकर करीब 24 करोड़ रुपये हड़प लिए थे। हरियाणा में सेवा विभाग के अधिकारी जब योजना बना रहे थे तभी यह मामला सामने आया था।
महाराष्ट्र में हुए फर्जीवाड़े को ध्यान में रखते हुए एप में लाइव फोटो का विकल्प रखा गया और हर महीने फेस आथेंटिकेशन का फीचर जोड़ा, ताकि कोई पुरुष महिला बनकर योजना का लाभ न उठा सके। हरियाणा सरकार ने अपनी योजना में यह भी प्रावधान किया है कि जिस किसी ने भी फर्जीवाड़े से इस योजना का लाभ उठाया उससे 12 फीसदी ब्याज के साथ पूरी रकम वसूली जाएगी।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours