सरकार ने नई फिल्म नीति को दी मंजूरी, स्थानीय फिल्मों की सब्सिडी आठ गुना बढ़ी, पढ़ें धामी कैबिनेट के फैसले

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून:  सरकार ने राज्य में गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी फिल्म बनाने वालों के लिए सब्सिडी आठ गुना बढ़ा दी है। वहीं, आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में फिल्मों की राज्य में शूटिंग करने वालों की सब्सिडी भी दोगुनी कर दी है। इसके लिए नई फिल्म नीति को धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। वहीं, व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 18 प्रस्ताव आए, जिनमें से 16 पर मुहर लगी। इसमें प्रमुख तौर पर नई फिल्म नीति के तहत प्रदेश में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं की फिल्मों की उत्तराखंड में शूटिंग करने वालों की सब्सिडी 1.5 करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ कर दी गई है।

लोकेशन का नाम दिखाने पर पांच प्रतिशत और सब्सिडी मिलेगी

वहीं, गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी में फिल्म बनाने वालों की सब्सिडी 25 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ कर दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में नई लोकेशन पर शूटिंग करने वालों को पांच प्रतिशत अतिरिक्त और फिल्म में उस लोकेशन का नाम दिखाने पर पांच प्रतिशत और सब्सिडी मिलेगी। खास बात यह भी है कि स्थानीय कलाकारों को फिल्म में मौका देने वालों को 10 लाख रुपये अलग से मिलेंगे।

जो छात्र किसी मान्यता प्राप्त फिल्म प्रशिक्षण संस्थान से पढ़ाई करेंगे, उन्हें सरकार 50 प्रतिशत (जनरल) और 75 प्रतिशत (एससी, एसटी, ओबीसी) को छात्रवृत्ति देगी। पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमाहॉल खोलने वालों को एकमुश्त 25 लाख रुपये की राशि मिलेगी।

व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ेगा

प्रदेश में बस, टैक्सी, मैक्सी जैसे व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 10 फीसदी बढ़ेगा। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। पूर्व में वाहनों के टैक्स में हर साल पांच फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से वर्ष 2020 से ये बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। परिवहन मुख्यालय ने एकमुश्त 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा हुआ था, जिस पर मुहर लग गई। परिवहन विभाग के लिए राजस्व का सबसे बड़ा जरिया वाहनों से मिलने वाला टैक्स ही है। निजी वाहनों से सरकार पंजीकरण के दौरान ही एकमुश्त 15 वर्ष का टैक्स ले लेती है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों के साथ ऐसा नहीं है।

ओला-ऊबर संग अब बाइक और तिपहिया भी चलेंगे

कैबिनेट ने उत्तराखंड ऑन डिमांड (सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) ठेका गाड़ी द्वारा परिवहन की संशोधित नियमावली (एग्रीगेटर पॉलिसी) पर मुहर लगा दी है। इसके तहत अब ओला, ऊबर के अलावा बस, बाइक, ऑटो भी ऑन डिमांड चलाए जा सकेंगे। खास बात यह है कि ये सभी वाहन किराये में 20 प्रतिशत से अधिक कमीशन नहीं ले पाएंगे, जबकि सीजन में भारी डिमांड के दौरान निर्धारित किराये से 25 प्रतिशत अधिक तक ही वसूल कर सकेंगे। वहीं, किराये का निर्धारण राज्य परिवहन प्राधिकरण से पास दरों के आधार पर ही करना होगा। इस नीति के आने से छोटे स्तर पर भी ओला-ऊबर की तरह ठेका गाड़ी चलाई जा सकेगी।

ये भी हुए निर्णय

स्थानीय फसल प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत क्लस्टर में समूहों के माध्यम से परंपरागत फसलों के सत्यापित बीज का उत्पादन एवं वितरण किया जा सकेगा।

उत्तराखंड घुड़सवार पुलिस सेवा संशोधन नियमावली 2024 को मंजूरी।

उत्तराखंड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली 2007 में संशोधन को मंजूरी।

चंपावत की तहसील पाटी को नगर पंचायत बनाने पर मुहर।

नगर पालिका खटीमा के सीमा विस्तार को मंजूरी।

ग्रामीण पेयजल योजना संचालन एवं रख रखाव नियमावली 2024 को मंजूरी।

मंडी परिषद की निर्धारित लागत सीमा में बढ़ोतरी को मंजूरी।

सहसपुर स्किल हब में पांच सेक्टर की ट्रेनिंग को मंजूरी। बाजपुर आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा।

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का 22वां प्रत्यावेदन सदन में रखने को मंजूरी।

उत्तरखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के 2018-19 से 2022-23 तक के प्रत्यावेदन सदन में रखने को मंजूरी।

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यूसीसी का प्रस्ताव छह की कैबिनेट में

समान नागरिक संहिता को लेकर कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई। संभावना है कि इसका प्रस्ताव छह फरवरी को सुबह होने वाली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। उसी दिन यूसीसी अधिनियम विधानसभा में पेश होगा।

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