बिनसर अग्निकांड में झुलसे फायर वाचर कृष्ण ने भी तोड़ा दम, अब मृतकों की संख्या पहुंची पांच

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ख़बर रफ़्तार, अल्मोड़ा : बिनसर अभयारण्य क्षेत्र के जंगल में आग बुझाने के दौरान गंभीर रूप से झुलसे एक और फायर वाचर कृष्ण ​कुमार ने दम तोड़ दिया। दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कृष्ण पिछले सात दिनों ने मौत से जंग लड़ रहा था।

इस मृत्यु के साथ ही बिनसर अग्निकांड में मृत लोगों की संख्या पांच पहुंच गई है। चार लोगों की मृत्यु अग्निकांड के दौरान मौके पर ही हो गई थी। वहीं फायर वाचर की मौत की खबर आते की स्वजन में कोहराम मच गया।

जंगलों में पिछले सप्ताह गुरुवार को भीषण आग लग गई

बिनसर अभयारण्य क्षेत्र के जंगलों में पिछले सप्ताह गुरुवार को भीषण आग लग गई। आग लगने की सूचना के बाद विभाग की आठ सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची। आग बुझने से पहले ही आग की तेज लपटों के बीच टीम घिर गई। हादसे में वन रक्षक त्रिलोक सिंह मेहता, वन श्रमिक दीवान राम, फायर वाचर करन और पीआरडी जवान पूरन सिंह जिंदा जल गए। जिनकी मौके पर ही मौत हो गई।

जबकि चार अन्य कर्मी वन श्रमिक कैलाश भट्ट, चालक भगवत सिंह भोज, फायर वाचर 21 वर्षीय कृष्ण कुमार और पीआरडी जवान कुंदन सिंह बुरी तरह झुलस गए। जिन्हें बेस अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया।

शुक्रवार को सभी घायलों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया। जहां सभी का उपचार चल रहा था। बुधवार को करीब डेढ़ बजे 80 प्रतिशत से अधिक झुलसे कृष्ण कुमार निवासी भेटूली अयारपानी ने एम्स हास्पिटल में दम तोड़ दिया। कृष्ण की मौत की खबर मिलते ही स्वजन बेसुध हो गए। पूरे गांव में मातम पसर गया। वहीं हादसे में घायल तीन अन्य का अभी उपचार चल रहा है।

घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था कृष्ण

बिनसर अभयारण्य क्षेत्र के जंगल में आग बुझाने के दौरान झुलसे फायर वाचर कृष्ण कुमार की मौत के बाद उनके परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट गया है। मां-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। घर का इकलौता चिराग बुझने से मां-बाप और बहन बेसुध हैं। वह घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसके पिता घर में ही खेतीबाड़ी करते हैं। कृष्ण की दो बहनें हैं। एक बहन की शादी हो गई है।

आइटीआइ करने के बाद बेरोजगार था कृष्ण

मृतक कृष्ण कुमार आइटीआइ करने के बाद बेरोजगार था और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए नौकरी की तलाश में था। इसी बीच उसे फायर वाचर का काम मिल गया। स्वजन बताते हैं कि कृष्ण ने सोचा था कि कम ही सही पर कुछ पैसा मिलने से उनकी परिवार की स्थिति ठीक होगी। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था।

बिनसर अभयारण्य क्षेत्र में गुरुवार को आग बुझाने के दौरान तेज लपटों के बीच कष्ण कुमार घिर गया और सात दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद बुधवार को कृष्ण ने दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

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