खबर रफ़्तार, हल्द्वानी: सोशल मीडिया पर एआई प्रॉम्प्ट की मदद से बनाई गई नैनो बनाना फोटोज का ट्रेंड चल रहा है, जिसमें लोग अपनी तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इससे उपयोगकर्ताओं के चेहरे का डेटा एआई के पास चला जाता है जिसका दुरुपयोग हो सकते हैं।
सोशल मीडिया पर इन दिनों नैनो बनाना एआई प्रॉम्प्ट की मदद से बनाई गईं फोटो खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। ट्रेंड को फॉलो करते हुए हर कोई अपनी फोटो को फेेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अपलोड कर रहा है। इससे एआई के पास हमारे चेहरे से ताजा डाटा सुरक्षित हो रहा है। ऐसे में साइबर अपराधी इसका गलत प्रयोग कर सकते हैं। बीते दिनों राजस्थान के उदयपुर में महिला की फोटो चोरी कर अश्लील वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। साइबर एक्सपर्ट भी इन फोटो के ठगी सहित अन्य अपराधों के लिए इस्तेमाल किए जाने की आशंका जता रहे हैं।
- फोटो से सोशल मीडिया पर आईडी बनाकर गलत इस्तेमाल हो सकता है
- फोटो अपलोड करने से हो सकता है निजता का हनन
- फोटो एडिट कर गलत काम में प्रयोग हो सकती है
- फोटो के जरिये परिजनों से भविष्य में ठगी की आशंका
कहीं एआई को अपना फेशियल डाटा तो उपलब्ध नहीं करा रहे आप
आकर्षण के बीच हमें निजता के खतरों के लिए सतर्क होने की आवश्यकता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये बनाई गई इमेज भले ही हमें लुभा रही हो लेकिन अनजाने में हम एआई को अपना ताजा फेशियल डाटा उपलब्ध करा रहे हैं। वेब स्क्रैप्ड डाटा कानून और नियम के दायरे से दूर होते हैं क्योंकि हम वहां खुद फोटो साझा करते हैं।
बगैर सोचे-समझे नए ट्रेंड को अपना रही युवा पीढ़ी
मोबाइल ने लोगों की दिनचर्या में बड़ा बदलाव ला दिया है। युवा सोशल मीडिया यानी फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स का प्रयोग कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में जैसे ही कोई ट्रेंड शुरू होता है, लोग बिना सोचे-समझे नकल करने लगते हैं। कोई ये नहीं सोचता कि उसका दूरगामी परिणाम क्या होगा। गूगल जैमिनी से पहले गिबली-घिबली में फोटो बनाने की होड़ मची थी।
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