खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा हुआ। एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के लिए तत्काल बाद ही एक रिहायशी इलाके में हादसे का शिकार हो गया। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत विमान में सवार अधिकांश लोगों की मौत हो गई। अब विशेषज्ञों द्वारा इस हादसे की पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं। कुछ विशेषज्ञ प्लेन के लैंडिंग गियर का खुला रहना भी हादसे की एक वजह मान रहे हैं।
अहमदाबाद में गुरुवार को टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद एअर इंडिया का एक विमान एक इमारत पर गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था और इसमें 242 लोग सवार थे। अहमदाबाद के पुलिस प्रमुख जी.एस. मलिक के मुताबिक हादसे में 265 लोगों की मौत हुई है। यह हादसा विमान के उड़ान भरने के चंद मिनटों के बाद हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि विमान एक रिहायशी इलाके के ऊपर से उड़ान भरता है और फिर अचानक से नीचे आता जाता है, जिसके बाद घरों के पीछे से आग का एक विशाल गोला आसमान में उठता दिखाई देता है। विमान एक रिहायशी इलाके में स्थित एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर गिरा, जहां उस समय छात्र लंच कर रहे थे। विमान हादसे को लेकर कई थ्योरी चल रही हैं।
विमान ने दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से भरी थी उड़ान
विमान करीब तीन घंटे पहले नई दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचा था। इसके बाद लंदन के लिए उड़ान संख्या AI-171 के रूप में उड़ान भर रहा था। तभी यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण के अनुसार विमान ने दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। चंद मिनट के अंदर एटीसी को मेडे कॉल मिलती है। जब एटीसी ने उस कॉल का जवाब दिया तो उन्हें वापसी में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब इस भीषण विमान हादसे के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं।
पहली थ्योरी: लैंडिंग गियर बंद ना होना तकनीकी गड़बड़ी का संकेत
एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की आधिकारिक वजहों का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उड्डयन उद्योग से जुड़े कई जानकारों ने सवाल उठाया कि विमान 600 से अधिक फीट की ऊंचाई पर था, तो लैंडिंग गियर नीचे क्यों थे? विमान के उड़ान भरते ही लैंडिंग गियर ऊपर उठा दिया जाता है। चूंकि लैंडिंग गियर नीचे थे, इसलिए संभव है कि इंजन में खराबी का पहले ही पता चल गया हो। वायरल हुए वीडियो से पता चलता है कि विमान टेकऑफ के बाद अचानक तेजी नीचे आया। बीच हवा में कोई धमाका नहीं हुआ। पायलट की मेडे कॉल इस बात का संकेत है कि चालक दल को गड़बड़ी का पता चल गया था और उन्होंने इसे संभालने को कोशिश भी की, लेकिन वे असफल रहे।
असामान्य थी लैंडिंग गियर की स्थिति : एंथनी
अमेरिकी एयरोस्पेस सुरक्षा सलाहकार एंथनी ब्रिकहाउस ने भी ऐसी ही चिंता जताते हुए कहा कि उड़ान के उस चरण के लिए लैंडिंग गियर की स्थिति असामान्य थी। उन्होंने गड़गड़ी का इशारा करते हुए कहा कि अगर आपको नहीं पता कि क्या हो रहा है तो आपको लगेगा कि विमान रनवे के करीब पहुंच रहा है। जांचकर्ता दुर्घटना की वजह बनने वाली घटनाओं को एकसाथ जोड़ने का काम कर रहे हैं, पर उनका ध्यान दुर्घटना के कारण को समझने पर है।
दूसरी थ्योरी: इंजन फेल होने की संभावना
कई विशेषज्ञों का कहना है कि विमान के दोनों इंजन का ‘पावर लॉस’, प्लेन क्रैश होने का एक कारण हो सकता है। हवा में 625 फुट की ऊंचाई पर इंजन का ‘शटडाउन’ होना, ड्रीम लाइनर विमान तैयार करने वाली कंपनी बोईंग के लिए अपने आप में पहली घटना है। अगर एक इंजन भी पूरी क्षमता के साथ चालू रहता तो पायलट द्वारा प्लेन को आबादी के क्षेत्र से बाहर ले जाया जा सकता था।
विमान के साथ पक्षी टकराने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन यह तभी संभव है, जब बड़ा पक्षी हो या पक्षियों का झुंड हो। एयरपोर्ट के आसपास दूरबीन से पक्षियों की एक्टिविटी देखी जाती है। अगर बहुत सारे पक्षी हैं तो ही उनके टकराने की संभावना बनती है। ये भी संभव है कि एक इंजन पक्षी टकराने के चलते काम करना बंद कर गया हो और दूसरे का पावर लॉस हो गया हो। एवीएम सूर्यकांत के अनुसार, जब दोनों इंजन पावर लॉस करते हैं तो पायलट के पास विमान को संभालने के लिए ज्यादा वक्त नहीं होता है। विमान को आबादी के क्षेत्र से बाहर ले जाने के लिए स्पीड की आवश्यकता होती है। वह दोनों इंजन के चलने पर ही संभव है। ऐसा मान सकते हैं कि इस हादसे में दोनों इंजन पावर जनरेट नहीं कर पा रहे थे।
वहीं एयर कमोडोर बीएस सिवाच (रिटायर्ड) के अनुसार, विमान की उड़ान से पहले सभी उपकरण चेक होते हैं। ड्रीम लाइनर की चेक हिस्ट्री बोईंग के साथ साझा होती है। यह एक एडवांस एयरक्रॉफ्ट है। तकनीकी खराबी की संभावना कम है। पक्षी टकराने की संभावना हो सकती है। देखने वाली बात यह भी है कि अंतिम क्षण तक विमान कंट्रोल में था। पायलट ने बिल्डिंग को बचाने का प्रयास किया, लेकिन विमान आगे बढ़ ही नहीं सका। मतलब, विमान के दोनों इंजन पावर लॉस का शिकार हो चुके थे। इसी वजह से विमान की स्पीड भी कम रही।
तीसरी थ्योरी: अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा, विमान के पुर्जे ठीक से नहीं लगाए गए थे
एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार, 2009 में सेवा में आने के बाद से किसी ड्रीमलाइनर विमान की यह पहली दुर्घटना है। विमानन सुरक्षा सलाहकार जॉन एम कॉक्स ने कहा कि जांचकर्ता पहला सवाल यह पूछेंगे कि एयर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के लिए सही ढंग से तैयार था या नहीं। उन्होंने कहा, तस्वीर में हवाई जहाज का अगला नुकीला हिस्सा ‘नोज’ ऊपर की ओर उठता हुआ और 625 फुट की ऊंचाई तक पहुंचता है, फिर नीचे की ओर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे पता चलता है कि हवाई जहाज पर्याप्त उठान नहीं ले पा रहा है। कॉक्स ने कहा, विमान को पीछे से देखने पर ऐसा नहीं लगता कि पीछे के किनारे के फ्लैप्स उस स्थिति में हैं, जैसी संभावना है। लेकिन मैं इस बात को लेकर बहुत सतर्क हूं कि तस्वीर की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं है कि मैं कोई निष्कर्ष निकाल सकूं।
विमान दुर्घटना की जांच में सहायता के लिए ब्रिटिश एजेंसी भारत में टीम करेगी तैनात

+ There are no comments
Add yours