ख़बर रफ़्तार, टिहरी: एशिया के सबसे बड़े टिहरी डैम, (42 किलोमीटर तक फैला) और टिहरी बांध परियोजना से पावर ग्रिड के माध्यम से नौ राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है. वर्तमान में टिहरी डैम से 1 हजार मेगावाट और कोटेश्वर डैम से 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. शेष 1 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिये पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट) का कार्य अंतिम चरण में है, जिसको पूरा करने के लिये टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम से एक महीने के लिए बिजली का उत्पादन बंद करना पड़ेगा.
बता दें कि डैम में एक महीने तक बिजली का उत्पादन बंद रहने के दौरान टिहरी डैम से कोटेश्वर डैम के बीच नदी का प्रवाह बंद रहेगा. हालांकि गंगा बहती रहेगी. जिससे आसपास के गांव और नई टिहरी शहर में पानी की कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि देवप्रयाग से लगातार नदी का पानी निरंतर ऋषिकेश हरिद्वार समेत कई मैदानी इलाकों की तरफ बह रहा है. टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम मिलाकर 2400 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट)का कार्य अंतिम चरण में है, जिससे 1 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. वहीं, टिहरी बांध परियोजना के अधिकारी जोर-शोर से काम में लगे हुए हैं, ताकि एक महीने में काम को पूरा किया जाए.
टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि पंप स्टोरेज प्लांट में दो मशीन बॉक्स अप हो चुकी हैं और लगभग सिविल कार्य भी पूरा हो चुका है. अब मात्र इस डीएसपी के आउटलेट का वाटर लेवल कम करना है. जिसके कारण एक महीने के लिए टिहरी डैम और कोटेश्वर डैम का प्लांट 1 महीने के लिए बंद रहेगा. इस संबंध में हाई पावर अथॉरिटी से अनुमति भी ले ली है और कोशिश रहेगी कि पंप स्टोरेज प्लांट का कार्य एक महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए.
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