खबर रफ़्तार, नई दिल्ली : चुनाव आयोग के इतिहास में यह संभवत: पहला मौका होगा, जब उसने बिना किसी विधायी कार्य के प्रेस वार्ता बुलाई है। वह भी उस दिन जब राहुल गांधी बिहार में अपनी 16 दिन चलने वाली वोट अधिकार यात्रा शुरू करने वाले हैं।
चुनाव आयोग रविवार को नेशनल मीडिया सेंटर में एक प्रेस वार्ता बुलाई है। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि आयोग बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों के लगातार विरोध का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दे सकता है। बिहार एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुनाव आयोग की यह पहली प्रेस वार्ता है।
चुनाव आयोग के इतिहास में यह संभवत: पहला मौका होगा, जब उसने बिना किसी विधायी कार्य के प्रेस वार्ता बुलाई है। वह भी उस दिन जब राहुल गांधी बिहार में अपनी 16 दिन चलने वाली वोट अधिकार यात्रा शुरू करने वाले हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि विपक्ष की तरफ से लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार और बिना तथ्यों के हैं।
बिना जांच भ्रम फैलाना उचित नहीं
उत्तर प्रदेश के निर्वाचन अधिकारी के हवाले से सोशल मीडिया पर कहा गया कि बिना जांच किए वोटरलिस्ट के बारे में जनता के बीच में भ्रम उत्पन्न करना और भारत निर्वाचन आयोग की छवि धूमिल करने का प्रयास करना सही नहीं है। मतदाता सेवा पोर्टल या वोटर हेल्पलाइन एप पर किसी मतदाता का नाम और संबंधी का नाम डालने पर किसी भी विधानसभा में उस नाम के सभी मतदाताओं का विवरण आ जाता है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यही सभी विवरण एक ही मतदाता के हों। संदीप पुत्र गुलाब नाम के व्यक्ति के फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में समाविष्ट इलाहाबाद पश्चिम- 261 विधानसभा क्षेत्र में 07 विभिन्न वोटर कार्ड होने के बारे में लगाया गया आरोप निराधार है। यह सभी वोटर कार्ड अलग-अलग संदीप नाम के व्यक्तियों के हैं और इनके फोटो, संबंधी के नाम, और घर के पते भी अलग-अलग हैं।
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